चेन्नई. पल्लावर जैन स्थानक में विराजित श्रुतमुनि ने कहा भगवान महावीर की आगम वाणी के आधार पर हमें अपने भीतर के अवगुणों को निकालकर दूर करने का प्रयास करना चाहिए। अपने अमूल्य मानव जन्म को सार्थक करने के लिए सद्गुणों का चयन करें।
इससे भावों एवं विचारों व आचरण की शुद्धि होगी। गुणवान व्यक्ति की हर जगह पूजा होती है। उसे हर जगह सम्मान मिलता है। इससे मानव जीवन में परिवर्तन आता है।