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कुल की मर्यादा हेतु त्याग आवश्यक है – साध्वी ऋतम्भरा जी

कुल की मर्यादा हेतु त्याग आवश्यक है – साध्वी ऋतम्भरा जी

चेन्नई. वेपेरी स्थित अग्रवाल विद्यालय एंड जूनियर कॉलेज में श्री अग्रवाल समाज मद्रास के तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय राम कथा का आयोजन किया गया है।

कथा के पांचवें दिन समाज के अध्यक्ष श्री मुरारीलाल सोंथलिया जी ने दीदी माँ जी से निवेदन किया कि वे अपनी वात्सल्य वाणी से अपने श्री मुख से कथा सुनाकर सभी भक्त गणों को कृतार्थ करें। इसके उपरांत व्यास पीठ पर विराजमान मथुरा वृन्दावन धाम से पधारी आध्यात्मिक विभूति कथा व्यास वात्सल्यमूर्ति परम पूज्या दीदी मां साध्वी श्री ऋतम्भरा जी ने हनुमत स्तुति एवम् सभी इष्ट देवों को आमंत्रित कर कथा प्रारंभ किया तथा श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन भजन गाकर पूरे सभागार को भक्तिमय कर दिया ।

दीदी माँ ने कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है, इस संसार मे कुछ भी स्थायी नहीं है । सब क्षण-भंगुर है । दुख- सुख, हर्ष – विषाद, लाभ – हानि तथा संयोग – वियोग ये सब तो आते जाते रहते हैं अगर कुछ स्थायी है तो वो है ईश्वर, ईश्वर ही यथार्थ सत्य है शास्वत सत्य है इसलिए प्रेम करो तो ईश्वर से करो जो आपको सिर्फ इस लोक मे ही नहीं परलोक में भी आनंद की अनुभूति कराएगा अर्थात आपके लोक और परलोक दोनों ही सुधर जाएंगे।

साध्वी जी ने श्रीराम वनवास- केवट प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि भक्ति करो तो लक्ष्मण और भरत जैसी पूर्ण समर्पण के साथ निस्वार्थ भाव से जिसका भ्रात प्रेम देखकर चित्रकूट के पत्थर भी पसीज गए थे ।

दीदी माँ ने कहा कि प्राण जाए पर वचन न जाए कथन को सिद्ध करने के लिए अपने कुल की मर्यादा के लिए जिस प्रकार भगवान राम ने बड़ी ही सरलता और सहजता से बड़े ही विनम्र भाव से राजपाठ त्याग कर हस्ते हुए वनगमन को चले गए थे उसी प्रकार हमें भी अपने हृदय में प्रेम, त्याग, सौहार्द, सहजता, विनम्रता तथा क्षमाभाव जैसे गुणों को जागृत करने चाहिए और यह तभी संभव है जब हम अपने इष्ट अपने आराध्य के प्रति पूर्ण रूप से एकनिष्ठ होकर सभी आसक्तियों को छोड़कर एकाग्रचित होकर पूर्ण रूप से समर्पण का भाव रखेगे।

 समाज के उपाध्य्क्ष श्री नरेंद्र कुमार सिंगला जी ने बताया कि -इस राम कथा में सिर्फ अग्रवाल समाज ही नहीं अपितु अन्य समाज के लोगों जैसे माहेश्वरी समाज, दहिमा समाज, राजपूत समाज, चौधरी समाज, ब्राह्मण समाज इत्यादि से भी लोगों ने पधारकर इस कथा का रसपान कर रहे हैं।

समाज द्वारा वर्ष के अंत में आयोजित होने वाले इस आध्यात्मिक कार्यक्रम को भव्य एवं सफल बनाने के लिए समाज अध्यक्ष श्री मुरारीलाल सोंथालिया, उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार सिंगला महासचिव श्री हरीश कुमार लोहियाा, संयोजक – श्री सज्जनकुमार रूंगटा, सह संयोजक श्री एस. के. तोदी, सचिव श्री सावरमल खेमका, कोषाध्यक्ष श्री विवेक अग्रवाल जीी, सदस्या श्रीमती शालिनी अग्रवााल, उर्मिला सर्राफ एवं समस्त अग्रवाल समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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