चेन्नई. तमिलनाडु के विभिन्न जिलों एवं शहरों में धर्म प्रभावना करते हुए आचार्य महाश्रमण सोमवार को कडलूर पहुंचे। यहां स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में उनका भव्य स्वागत किया गया। स्कूल परिसर स्थित मेरिडोस ऑडिटोरियम में आयोजित धर्मसभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि आज पौष कृष्णा दसमी का दिन है जिसे 23वें तीर्थंकर भगवान पाश्र्वनाथ के जन्मदिवस के रूप में जाना जाता है।
विघ्न-बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान पाश्र्व के नाम का जप किया जाता है। आदमी को भौतिक कामनाओं की अपेक्षा न करते हुए वीतरागता की दिशा में आगे बढऩे के लिए करने का प्रयास करना चाहिए। राग-द्वेष आत्मा को मुक्ति का वरण करने में बाधक होते हैं। ये कर्मों के बीज होते हैं। इनको जीतने वाला आदमी मुक्ति प्राप्त कर आत्मा का कल्याण कर सकता है।
आचार्यश्री ने लोगों को उत्प्रेरित करते हुए कहा कि वर्ष 2018 अब बीतने वाला है और 2019 का आगमन हो रहा है। जैसे यह वर्ष बीत रहा है उसी प्रकार आदमी का जीवन भी बीत रहा है। इसलिए समय का सदुपयोग करते अपनी आत्मा के कल्याण का प्रयास कर लें।
उन्होंने लोगों को अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी भी स्वीकार कराई। इसके बाद साध्वी प्रमुखा ने भी उद्बोधन दिया। साथ ही स्थानीय तेरापंथी सभा के अध्यक्ष सौभागमल सांडए, कुशलराज धारीवाल और त्यागराजन ने भी विचार व्यक्त किए। महिला मंडल ने गीतिका प्रस्तुत की।