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ज्ञान वाणी

ईंट को मजबूत अग्नि बनाती है: आचार्य पुष्पदंतसागर

ईंट को मजबूत अग्नि बनाती है: आचार्य पुष्पदंतसागर

श्रद्धा से ही मिल सकता है मुक्ति का पुरस्कार

चेन्नई. कोलत्तूर जैन मंदिर में विराजित आचार्य पुष्पदंतसागर ने कहा ईंट को मजबूत अग्नि बनाती है। भाप से ईंट मजबूत हो जाती है। जीव को जीवनदान ऑक्सीजन एवं शरीर को रोशनी आंख देती है। शरीर को जितना सात्विक खाद-पानी देंगे उतना ही वह नीरोग रहेगा। आत्मभूमि पर जब श्रद्धा के बीज बोते हैं तो संसार से मुक्ति का पुरस्कार मिलता है।

पैरों के आधार पर शरीर और नींव के आधार पर भवन खड़ा है। गाड़ी पहियों के आधार पर और जड़ों के आधार पर वृक्ष खड़ा है। मकान को सशक्त बनाने का काम लोहा, ईंट, पत्थर व सीमेंट करते हैं जबकि नींव की मजबूती पत्थरों से मिलती है। जड़ को मजबूत करने का काम खाद व पानी करते हैं।

यदि आप चाहते हैं कि साधना के माध्यम से स्वयं के पास पहुंचें तो श्रद्धा भक्ति पर ध्यान देना होगा। आपने देखा होगा इस्लाम सूर्य की उपासना नहीं करता क्योंकि सूर्य का कोई वंशज नहीं है वह इकलौता पुत्र है। वह चंद्रमा की उपासना करता है उसे देखकर रोजा खोलता है क्योंकि उसका परिवार बहुत बड़ा है। तारे, ग्रह व नक्षत्र ये सभी उसके परिजन हैं।

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