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आत्मा के विकास के लिए चिंतन करें: साध्वी सुमित्रा

आत्मा के विकास के लिए चिंतन करें: साध्वी सुमित्रा

चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा की मनुष्य जन्म का मिलना अति दुर्लभ है। इस जीवन को पाने के बाद अगर इसका सही जगह उपयोग नही किया तो समय व्यर्थ हो जाएगा। मनुष्य अपने इस भव का जितना सदुपयोग कर सकता है उतना अन्य कोई प्राणी नहीं कर सकता।

मानव अपने शरीर के माध्यम से तप, जप, आराधना और साधना कर पाप के मार्ग को भी पूण्य का मार्ग बना सकता है। इतना सब होने के बाद भी अगर धर्म के मार्ग पर नहीं गए तो जीवन बेकार हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य समय रहते नही चेतेगा तो दुखों से दूर नही हो पायेगा। मोह माया में फस कर अगर आत्मा के कल्याण का चिंतन नही किया गया तो जीवन के दुख कभी दूर नही होंगे।

जैसे मनुष्य व्यापार के विकास के बारे में चिंतन कर काम करता है वैसे ही आत्मा के विकास के बारे में भी चिंतन करनी चाहिए। आत्मा में अनंत सुख होती है उसे देखने की जरूरत है। 

दुनिया के मोह माया के झूठे सुखों की वजह से मनुष्य को आत्मा के सच्चे सुख की प्राप्ति नही हो पा रही है। वर्तमान में लोग सभा मे आकर गुरुवाणी सुनते हैं और बाहर जाते ही भूल जाते है, लेकिन याद रहे जो गुरु के बताए मार्गो का अनुसरण करता है वह जीवन मे सफल हो जाता है।

समय को बर्बाद करना जितना आसान है उतना ही मुश्किल उपयोग करना है। मनुष्य जैसा आज करेगा उसे वैसा ही कल मिलेगा। अच्छे भविष्य की शुरुवात वर्तमान से होती है। अगर वर्तमान में अच्छा करेंगे तो निश्चय ही आने वाले पल अच्छा होगा। लोगो को अच्छा पाना तो पसंद होता है लेकिन अच्छा करने में पीछे हटते है।

याद रहे जैसा चाहिए वैसा ही करना होगा। जो मनुष्य बताये मार्गो पर चलेंगे उनके जीवन का कल्याण हो जाएगा। कोडमबाक्कम के निवासी श्रीमती पुष्पाबाई अशोककुमार महावीरचंद गौतमचंद तालेड़ा परिवारों ने 31 गायों को कत्लखाना से छुड़ाने की घोषित किए। संचालन अध्यक्ष बुधराज भंडारी ने किया। 

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