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आत्मा के बिना  अन्य बाह्य पदार्थो के  स्वरूप की अनुभूति असंभव हैं

आत्मा के बिना   अन्य बाह्य पदार्थो के   स्वरूप की अनुभूति असंभव हैं

*विंशत्यधिकं शतम्*

*📚💎📚श्रुतप्रसादम्*

🪔

*तत्त्वचिंतन:*

*मार्गस्थ कृपानिधि*

*सूरि जयन्तसेन चरणरज*

मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.

 

1️⃣0️⃣0️⃣

🕉️

🧘‍♂️

आत्मा के बिना

अन्य बाह्य पदार्थो के

स्वरूप की अनुभूति असंभव हैं.!

😊

एक बार

आत्म स्वरूप में

रुचि लगने के बाद

उसका स्वरूप जानकर

बाह्य पदार्थो की आत्मा से

भिन्नता का बोध हो जाने से

अन्य पदार्थ निरर्थक लगते हैं

🪔

आत्मज्ञानी को

अन्य पदार्थो का ज्ञान भी

आत्मज्ञान को विशद

करने के लिए ही होता है

लेकिन समस्त

ब्रह्मांड का ज्ञान भी

निरर्थक है आत्मज्ञान के बिना,

अतः जो

आत्मा को जानता है

वह समस्त द्रव्यों को जानता है.!

*📜छान्दोग्य उपनिषद् 📜*

 

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