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Sagevaani.com@भीलवाड़ा। मनुष्य को अच्छे कर्म करना चाहिए। तभी उनकी आत्मा शुद्ध होगी। जो व्यक्ति जैसा कर्म करेगा, उसे उसी के अनुरूप फल मिलेगा। भगवान ने हमें इंसान के रूप के जन्म दिया है तो हमें बेहतर कर्म करना चाहिए। सांसारिक मोह माया से बचना चाहिए।

बुरे कर्म करेंगे तो हमें बुरे फल ही भोगना पड़ेगा मंगलवार अहिंसा भवन शास्त्री नगर में डॉ. प्रितीसुधा चातुर्मास प्रवचन मे श्रध्दालूओ से कहा कि इंसान को परमात्मा ने कर्म करने के लिए अवसर दिया है। कर्म से ही पाप और पुण्य तय होते हैं। अच्छे कर्म से पुण्य और बुरे कर्म से पाप मिलेगा। पाप और पुण्य इस जन्म से लेकर अगले जन्म तक साथ रहते हैं। मन में दया, करुणा और त्याग की भावना रख कर हमें जन्म से ही नहीं कर्म से मनुष्य बनना है।

मनुष्य को उत्तम कुल उत्तम शरीर मिला है, उस पर घमंड नहीं करते हुए गर्व करना चाहिए। शाश्वत सुख पाने के लिए त्याग की भावना रखनी चाहिए। मानव को यह शरीर हमें उधार में मिला है । अगर मनुष्य कर्म अच्छे करेगा तो आत्मा को शास्वात सुख दिला सकता है। इस दौरान साध्वी मधुसुधा साध्वी संयम सुधा ने कहा कि कर्मो के भुगतान होने पर ही आत्मा संसार से तीर सकती है वरना यह आत्मा जन्म और मरण के चक्रव्यूह नही निकलने वाली है।

धर्मसभा मेंअ हिंसा भवन के मुख्य मार्ग दर्शक अशोक पोखरना, अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल, हेमंत आंचलिया, सुशील चपलोत, रिखब चन्द पीपाड़ा और महिला मंडल की नीता बाबेल, उमा आंचलिया, मंजू बापना, रजनी सिंघवी, मंजू पोखरना आदि सभी ने तपस्वियाओ और शहर के उपनगरों पधारे अतिथियो का स्वागत किया दोपहर साध्वी मंडल के सानिध्य मे बहनों ने सामूहिक रूप से महामंत्र नवकार जाप किया गया। उन सभी को प्रतिभा बम्ब कि और सें प्रभावना दि गई।

प्रवक्ता सुनिल चपलोत

अहिंसा भवन शास्त्री नगर भीलवाड़ा

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