अरसिकेरे स्थानक भवन में विराजित आयंबिल तप आराधिका साध्वी श्री आगमश्रीजी म.सा एवं नवदीक्षित साध्वी श्री धैर्याश्रीजी म.सा आदि ठाणा 2 के सानिध्य में सर्वपितृ अमावस्या के शुभ दिवस पर कालसर्प योग, पितृदोष, मूल नक्षत्र आदि दोष निवारण जाप संपन्न हुआ।
पूज्य आगमश्रीजी म.सा ने बताया कि सर्व पितृ अमावस्या के योग में हमारे जीवन में रहे हुए और हमारे परिवार में जो व्याप्त पितृ दोष, नाग दोष, कालसर्प दोष, जो हमारे प्रगति को बाधा लाता है, उससे निवारण के लिए तथा स्वास्थ्य तथा सफलता सुख समृद्धि और सौभाग्य ता को प्राप्त करने के लिए, इस अमावस्या के दिन उपवास आयंबिल कुछ भी तपस्या करके इन दोषों का निवारण कर सकते हैं।
नव दीक्षिता साध्वी श्री धैर्या श्री जी ने अनेक मंत्रों तथा श्लोकों द्वारा जाप कराया। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरुदेव की असीम कृपा से सबके दोष निवारण हो और सभी के जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त हो।
पूज्य साध्वी आगम श्री जी म.सा प्रति अमावस्या की तरह इस अमावस्या को भी स्थानक भवन के पास गुरु गणेश अमावस्य प्रसाद का वितरण हुआ।
जैन कॉन्फ्रेंस युवा शाखा के राज्य उपाध्यक्ष चेतन भलगट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पूज्य गुरुदेव एवं महा सती जी की असीम कृपा से इस जाप द्वारा सभी के जीवन मे सुख और समृद्धि की प्राप्ति हो। आयंबिल तप राधिका शिरोमणि साध्वी श्री आगमश्रीजी म.सा के निरंतर आयंबिल ओली प्रारंभ है,आज 31व आयंबिल है, आगे के भाग है। महासतीजी के तपस्या के उपलक्ष में बहु मंडल द्वारा नाटक प्रस्तुत किया गया।
इस मौके पर संघ के चतुर्मास समिति के अध्यक्ष मोहनलाल भलगट, आनंद गुगलिय, अमृतलाल धोखा, छगनलाल सोलंकी, शांतिलाल गुगलीया, मदनलाल भलगट, सुरेश बोहरा, मोहनलाल बोहरा, मदनलाल कटारिया आदि उपस्थित थे।