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आचार्य भगवन्त पूज्यश्री शोभाचंद्रजी म.सा का जन्म दिवस

आचार्य भगवन्त पूज्यश्री शोभाचंद्रजी म.सा का जन्म दिवस

बुधवार 6 नवम्बर 2024 को रत्नवंश के छठे पट्टधर जीवन निर्माण के शिल्पकार बालब्रह्मचारी आचार्य भगवन्त पूज्यश्री शोभाचंद्रजी म.सा का जन्म दिवस श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु के तत्वावधान में ज्ञान दिवस के रुप मे स्वाध्याय भवन साहूकारपेट, चेन्नई में मनाया गया|

विशेष रुप से ज्ञान पंचमी तिथि के पावन प्रसंग पर वरिष्ठ स्वाध्यायी आर.वीरेन्द्रजी कांकरिया ने महासतीजी श्री लीलाबाईजी म.सा के प्रवचानांश तेतलीपुत्र का विस्तृत विवेचन किया |

श्रावक संघ के कार्याध्यक्ष आर. नरेन्द्रजी कांकरिया ने जोधपुर में पिता भगवानदास छाजेड- माता पार्वती के यहां जन्म लेने वाले बालक शोभा के बाल्यकाल,दृढ़ वैराग्य आचार्यश्री कजोडीमलजी म.सा के पास बसन्त पंचमी के पर्व पर तेरह वर्ष की वय में दीक्षित होने से लेकर जीवन चरित्र के अनेक संस्मरणों का उल्लेख किया | माधवमुनिजी के संग ज्ञान चर्चाओं व श्री शोभाचंद्रजी म.सा द्वारा गुरुभाई आचार्यश्री विनयचंद्र जी म.सा व दीक्षा गुरु आचार्यश्री कजोडीमलजी म.सा की सेवा पर प्रकाश किया | और बताया कि 45 चातुर्मास गुरु भगवन्तों की सेवा में और 11 चातुर्मास आचार्य बनने के पश्चात आचार्य शोभाचन्द्रजी म.सा ने किए | उन्हें जीवन निर्माण के शिल्पकार सेवाभावी शिष्य के रुप मे जाना जाता हैं | आचार्य पूज्यश्री शोभाचंद्रजी के गुणगान करते हुए कहा कि श्री शोभाचंद्रजी म.सा अपने गुरुदेव पूज्य आचार्यश्री विनयचंद्रजी म.सा के प्रिय थे जोधपुर के श्रावकों ने जब चातुर्मास हेतु विनती की,तब गुरुदेव ने कहा कि शोभाचंद्रजी म.सा को मेरी सेवा में छोड़कर बाकी सन्तों का चातुर्मास करा लो,मेरी स्वीकृति हैं गुरु सेवा की अनेक घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आपके आचार्य काल मे आचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा,श्री चौथमलजी म.सा श्री रुपकवरजी महासतीजी, अमृत कवरजी महासतीजी सहित अनेक सन्त-सतियों की दीक्षाएं हुई | आपने 69 वर्ष की वय में संथारा पूर्वक समाधि मरण का वरण किया |

स्वाध्यायी श्री लीलमचन्दजी बागमार श्री कांतिलालजी तातेड़ श्री उच्छबराजजी गांग ने गुरु गुणगान में सामुहिक स्तुति की | जीवन संकल्प – जैन संकल्प दीपकजी श्रीश्रीमाल व कांतिलालजी तातेड़ ने करवाये | , योगेशजी श्रीश्रीमाल, के.प्रकाशचंदजी ओस्तवाल महावीरचन्दजी छाजेड महावीरजी कर्णावट की सामायिक परिवेश में उपस्थिति प्रमोदजन्य रही |

 श्री इंदरचंदजी कर्णावट ने प्रत्याख्यान करवाये श्री रुपराजजी सेठिया ने मंगल पाठ सुनाया | तीर्थंकरों, आचार्य भगवन्तों, उपाध्याय श्री भावी आचार्य श्री, साध्वी प्रमुखा,चरित्र आत्माओं की जयजयकार संग आचार्य शोभाचंद्रजी म.सा की जन्मजयन्ति ज्ञानदिवस के रुप मे मनाई गई |

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