चेन्नई. अपने दुखों का शमन कर सकते हैं। अनुष्ठान का हिस्सा बनकर न केवल अपने कर्मों की निर्जरा अपितु पुण्य उपार्जन भी कर सकते हैं।
अयनावरम दादावाड़ी चातुर्मास कर रही साध्वी कुमुदलता के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम में चक्रवर्ती की रिद्धि-सिद्धि प्राप्त करने के लिए दिवाकर दरबार में अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस मौके पर साध्वी महाप्रज्ञ ने कहा अनुष्ठान के माध्यम से हम अपने जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जप, तप और अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर बड़े ही सौभाग्य से प्राप्त होता है।
साध्वी ने कहा मंगलकारी अनुष्ठान में सवा सात करोड़ जाप अनुष्ठान की अनुमोदना कर धर्म कार्य में आगे बढऩे से न केवल धार्मिक गतिविधियों को बल मिलता है बल्कि समाज में, व्यक्ति में, जीव मात्र में धर्म की चेतना जागृत होती है। अनुष्ठान से व्यक्ति जीवन में सुख-शांति का आभास कर अपने आपको धन्य मानता है।
शुक्रवार को एकासना जाप, मां पदमावती की आराधना तप-जप से करवाई जाएगी। अनुष्ठान की कलश स्थापना वर्षावास समिति के पदाधिकारी एवं युवा संघ महिला मंडल की ओर से की गई।