Featured Slider

दि पुना मर्चंट्स् चेंबर पुणे संचलित “ लाडु- चिवड़ा

“आकुर्डी- निगडी- प्राधिकरण केंद्राचे उद्घाटन श्री संघाचे अध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी यांचे शुभहस्ते गुरुमॉं उपप्रवर्तिनी पु. चंद्रकलाश्रीजी, प्रवचन- विभु पु. स्नेहाश्री जी म.सा., मधुरकंठी पु. श्रुतप्रज्ञाश्रीजी म.सा. यांच्या पावन सानिध्यात झालें . वितरण व्यवस्था पहाणारे श्री संघाचे विध्यमान विश्वस्त जवाहरजी मुथा, नेनसुखजी मांडोत, राजेंन्द्र जी छाजेड, हिरालालजी लुणावत, नितीनजी छाजेड, विजयजी नहार माधुरी भंसाली या प्रसंगी उपस्थित होते. ना नफा ना तोटा या चत्वप्रणाली वर गेल्या 38 वर्षापासुन हा उपक्रम पुना मर्चंट चेंबर च्या माध्यमातुन राबवला जातो. गेल्या चार वर्षापासुन हा उपक्रम आकुर्डी स्थानकात राबवला जातो. गतवर्षी 7.5 टन एवढ्या फराळाच्या वस्तु आकुर्डी केंद्रात वितरित केल्या गेल्या . या वर्षी 10 हजार किलोचे उद्दिष्ट आहे. गुरुमॉं च्या मांगलीक ने उपक्रमाची सुरुवात आज आकुर्डीत झाली.

चातुर्मास की परंपरा का सनातन महत्व -भारत गौरव डॉ,वरुण मुनि

वर्ष 2026 के चातुर्मास स्थल की घोषणा चातुर्मास प्रवचन श्रृंखला के अंतर्गत आज आयोजित धर्मसभा में भारत गौरव, डॉ. श्री वरुण मुनि जी म.सा. ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की तीन प्रमुख धाराएँ — हिंदू, जैन और बौद्ध परंपरा — अपने मूल में अध्यात्म, संयम और साधना पर आधारित हैं। इन तीनों ही परंपराओं में चातुर्मास का अत्यंत महत्त्व माना गया है। समय के साथ जहाँ वैदिक और बौद्ध परंपराओं में चातुर्मास की संकल्पना में कुछ परिवर्तन दृष्टिगोचर हुए हैं, वहीं जैन परंपरा में यह व्यवस्था आज भी अपने प्राचीन स्वरूप में गतिमान है। ‘चातुर्मास’ का अर्थ है— चार महीनों का एक समूह। वर्षभर में फाल्गुनी, कार्तिकी और आषाढ़ी — इन तीन पूर्णिमाओं से तीन चातुर्मास माने गए हैं, जिनमें आषाढ़ी पूर्णिमा से आरंभ होने वाला चातुर्मास सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इस अवधि में जैन साधु–साध्वियाँ एक स्थ...

संस्कारीय पाठशाला विंग्स टू फ्लाई द्वारा उत्तराध्ययन सूत्र पर लाइव प्रस्तुति   

चेन्नई : श्री जैन रत्न युवक परिषद् तमिलनाडु के संचालन में रविवारीय संस्कारीय व नैतिक शिविर विंग्स टू फ्लाई के अन्तर्गत ज्ञानार्जन करने वाले बालक बालिकाओं ने प्रभु महावीर की अन्तिम वाणी उत्तराध्ययन सूत्र के पात्रों पर लाइव प्रस्तुति दी | स्वाध्याय भवन साहूकारपेट विंग्स टू फ्लाई में हर रविवार प्रशिक्षण सेवाएं देने वाले श्राविका मण्डल से मनीषाजी कांकरिया शशिजी कांकरिया गुणवन्तीजी बाफना सोनलजी सुराणा ने गुरुदेवों की भावपूर्वक स्तुति की | उत्तराध्ययन सूत्र के पात्रों की प्रस्तुति का शुभारंभ विंग्स टू फ्लाई की स्वाध्याय भवन साहूकारपेट शाखा के शिविरार्थियों ने तेंतीसवें अध्ययन कम्मप्पयडी [ कर्म पकृत्ति ],तीसवें अध्ययन तवम ग्ग्म [ तपोमार्ग ] सोलहवें अध्ययन दुम्रपत्रक कुल तीन अध्ययनों पर सुन्दर प्रस्तुति दी | किलपाक शाखा चेन्नई के शिविरार्थियों ने तेरहवें अध्ययन चित्त संभूइज्ज [ चित्त संभुति ] पर स...

गुरुवारी जैन श्रावक संघ आणि लायन्स क्लब, जालना यांच्याकडून मोफट नेत्र तपासणी शिबिर

जालना : अमोलक मानस, तपज्योत्स्ना प.पू. श्री हिमानीजी एम.एस. यांच्या 46 व्या वाढदिवसानिमित्त 16 ऑक्टोबर 2025 गुरुवार रोजी सकाळी 11 ते दुपारी 3 वाजेपर्यंत श्री.व्ही.जैन श्रावक संघ आणि लायन्स क्लब ऑफ जालना, गोल्ड, रॅपिड आणि अन्नपूर्णा यांच्या संयुक्त विद्यमाने छ. शिवाजी महाराज चौकातील श्री गुरु गणेश नगर (तपोधाम) येथे मोफत मोती बिंदू आणि नेत्र तपासणी शिबिराचे आयोजन करण्यात आले आहे. रात्रीच्या वेळी, नेत्रतज्ज्ञ डॉक्टर रुग्णांना मोती बिंदू आणि नेत्र तपसणी करून मार्गदर्शन करतील आणि ज्यांना शस्त्रक्रियेची आवश्यकता आहे त्यांच्यासाठी (मोफत ऑपरेशन) व्यवस्था केली जाईल आणि ते शस्त्रक्रियेशी संबंधित सल्ला देतील जेणेकरून गरजूंना जास्तीत जास्त फायदा मिळू शकेल. या शिबीराचा जास्तीत जास्त रुग्णांनी लाभ घ्यावा, असे आवांहन जैन श्रावक संघाचे अध्यक्ष श्री. सुदेशकुमार सकलेचा, तसेच विजय बगाडिया, पुरुषोत्तम जयपूरिय...

समाजसेवी, श्री संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी का जन्मदिवस गुरुमॉं उपप्रवर्तिनी श्रमणी गौरव पु. चंद्रकला श्री जी के सानिध्यमे संप्पन्न

आकुर्डी- श्रमणी गौरव उपप्रवर्तिनी पु. चंद्रकलाश्री जी, प्रवचन विभु पु.स्नेहाश्रीजी दिवाकर दिप्ती पु. श्रुतप्रज्ञाश्री जी म. सा के पावन सानिध्यमे “श्रीमद् उत्तराध्ययन श्रुत आराधना “से, पुच्चिसुणं के जापसे संप्पन्न हुआ! गुरुमॉं महाराष्ट्र सौरभ पु. चंद्रकलाश्री जी ने मंगलमय आशिर्वाद प्रदान कर देव- धर्म-गुरु-संघ-समाज की निरंतर सेवा हो यह कामना की! और “ संघ शिरोमणी” पदसे अलंक्रुत किया! वाणीके जादुगर पु. स्नेहाश्री जी नेअपने मंगलमय कामना मे कहॉं  “जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएँ और बधाई! आपका जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहे, हर दिन नई सफलताओं की सौगात लाए, स्वास्थ्य, प्रेम और समृद्धि हमेशा आपके साथ रहें परमात्मा से यही प्रार्थना है कि आपकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण हों। आपका आने वाला वर्ष अपार खुशियाँ और उपलब्धियाँ लेकर आए। मुस्कुराती रहे ज़िंदगी तुम्हारी,यही दुआएँ खुदासे हमारी! फुलोसे सजी हो हर राह तु...

परमात्मा की भक्ति श्रद्धा और समर्पण भाव से करनी चाहिए : भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि

धार्मिक उत्साह और भक्ति के वातावरण में श्री गुजराती जैन संघ, गांधीनगर में प्रवचन सभा का आयोजन किया गया। चातुर्मास हेतु विराजित भारत गौरव डॉ. श्री वरुण मुनि जी म.सा. ने मंगलवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि परमात्मा की सच्ची भक्ति वही है, जो पूर्ण श्रद्धा, विश्वास और आत्मसमर्पण के भाव से की जाए। उन्होंने कहा कि भक्ति केवल पूजा-पाठ या अनुष्ठान का विषय नहीं, बल्कि आत्मा की गहराइयों में उत्पन्न होने वाली वह भावना है, जो मनुष्य को परमात्मा के समीप ले जाती है। मुनि श्री ने अपने आशीर्वचन में कहा कि जब मनुष्य अपने अहंकार, क्रोध और मोह को त्यागकर प्रभु के चरणों में शरणागत होता है, तभी उसका जीवन सफल और सार्थक बनता है। उन्होंने श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि प्रतिदिन कुछ समय प्रभु-स्मरण, ध्यान और सत्कर्मों में व्यतीत करें, जिससे जीवन में शांति, संतोष और आनंद की प्राप्ति हो सके। कार्यक्रम के दौर...

श्री जैन रत्न युवक परिषद् तमिलनाडु द्वारा साधर्मिक भक्ति

 चेन्नई : पूज्य आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हीराचन्द्रजी म.सा के 63 वें दीक्षा दिवस के उपलक्ष में श्री जैन रत्न युवक परिषद् तमिलनाडु द्वारा साधर्मिक भक्ति के रुप में महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा आदि ठाणा 7 के चातुर्मास स्थल मुनियप्पा रोड किलपाक में स्थित सामायिक स्वाध्याय भवन में 120 जैन परिवारों को आवश्यक सामग्री भेंट की गयी | कार्यक्रम को सफलता पूर्वक आयोजित करने में श्री गुरु विजय सहायक समिति के अध्यक्ष श्री सुदर्शनजी छल्लाणी,शांतिलालजी कांकरिया,महावीरचन्दजी रांका,विमलचन्दजी बोकड़िया, महावीरजी रेड़ पदाधिकारियों श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ श्री जैन रत्न श्राविका मण्डल व श्री जैन रत्न युवक परिषद् तमिलनाडु के पदाधिकारियों व परोपकार समिति के संयोजकगण संदीपजी बोथरा,अभिषेकजी कटारिया राहुलजी बोहरा हर्षजी चोरडिया समस्त युवक कर्मठ कार्यकर्ताओं का पूर्ण सहयोग रहा |  गुरु विजय सहायक समिति के अध्य...

मां का संकल्प बनता है संतान के जीवन का दिव्य कवच: भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि

श्री गुजराती जैन संघ, गांधीनगर में चातुर्मास हेतु विराजमान *भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि* म.सा. ने सोमवार को अहोई अष्टमी व्रत के पावन अवसर पर मातृत्व की दिव्यता और व्रत की आध्यात्मिक महत्ता पर प्रेरणापूर्ण प्रवचन दिए तथा माताओं को मंगल आशीर्वचन प्रदान किए।मुनि श्री ने कहा —“अहोई अष्टमी का यह व्रत मातृत्व की महिमा का जीवंत प्रतीक है। यह वह दिन है जब मां अपनी संतान की दीर्घायु, आरोग्यता और मंगल जीवन के लिए निस्वार्थ भाव से उपवास रखती है। आज जो माताएँ श्रद्धा और प्रेम से यह व्रत कर रही हैं, वे वास्तव में अपने बच्चों के जीवन में पुण्य और सुरक्षा का दिव्य कवच बुन रही हैं।”मुनि श्री ने सभी माताओं को आशीर्वाद देते हुए कहा —“आप सबकी संतानों का जीवन सद्गुणों, संस्कारों और सफलता से आलोकित हो। आपके व्रत की सात्त्विक भावना आपके घर-परिवार में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रकाश फैलाए। मां का आशीर्वाद सबसे ब...

श्रमण सूर्य ध्यान योगी वर्तमान आचार्य भगवंत गुरुदेव श्री डॉक्टर शिवमुनि जी म.सा.

मैं इंदरमल टुकड़िया अध्यक्ष श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ जावरा आपके चरणो में वंदन करते हुए निवेदन करता हूँ की विगत 10 वर्षो से अध्यक्ष होकर प्रतिवर्ष चार्तुमास कराया जाता रहा हैं वर्ष 2025 में हमारे द्वारा साध्वी श्री सरिता जी एवं साध्वी श्री प्रियंका जी का चार्तुमास श्रमण संघ की सती प्रवर्तक श्री विजय मुनि जी म.सा.की आज्ञानुवृति समझ कर करवाया किंतु दोनों सती की रूपये के प्रति मोह देख कर हतप्रभ हो गया प्रभावना करने वाले से नगद या सामग्री के 10 ~12 एक्स्ट्रा रखवाना महिलाओं से साड़ीया आदि मंगवाना मना करने पर क्रोध करना बिना कोई सेविका रखने के बावजूद भी संघ से 12 मासिक वेतन के लिये दबाव बनाया गयाl संघ के पदाधिकारियों के मना करने पर संघ की बदनामी करते हुए दूसरे शहरों के लोगो व स्थानीय लोगों को फोन कर रुपयों की मांग की गई संघ की प्रतिष्ठा धूमिल न हो इस हेतु संघ के पदाधिकारियों द्वारा...

पुज्यनीय चंद्रकलाश्री जी महाराज साहेब का 63 वॉं जन्मोत्सव

गुरुमॉं उपप्रवर्तिनी, महाराष्ट्र सौरभ पुज्यनीय चंद्रकलाश्री जी महाराज साहेब का 63वॉं जन्मोत्सव आध्यात्मिक जप तप धर्मआराधना के साथ मनाया गया! श्री संघ द्वारा “ श्रमणी- गौरव” उपाधि प्रदान! संघाध्यंक्ष सुभाषजी ललवाणी को गुरुमॉं एवं साध्वीव्रुंद द्वारा “ संघ – शिरोमणी” पद से नवाजा गया! आज आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघ के प्रांगण मे गुरुमॉं उपप्रवर्तिनी महाराष्ट्र सौरभ चंद्रकला श्री जी का 63वाँ जन्मोत्सव जप तप धर्मआराधना एवं गुणानुवाद के माध्यम से अनेक गणमान्य अतिंथी, विविध संघो के पदाधिकारी एवं अनेक भक्तो के सानिध्य मे मनाया गया! इस समारोह मे गुरुमॉं को श्री संघ के और से “श्रमणी-गौरव” इस पद से गौरन्वित किया गया! अभिनंदन पत्र का शब्दांकण संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने किया ! उसी प्रकार वाणी के जादुगर, शासनसुर्या पुज्यनीय स्नेहाश्री जी को “ प्रवचन-विभु” एवं मधुरकंठी पुज्यनीय श्रुतप्रज्ञाश...

ज्येष्ठ समाजसेवी, संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी “ संघ- शिरोमणी” पदसे गुरुमॉं पु. चंद्रकलाश्री जी म.सा.आदिठाणा 3 द्वारा अलंक्रुत

आज आकुर्डी- निगडी- प्राधिकरण श्री संघ के प्रांगण मे गुरुमॉं उपप्रवर्तिनी पु. चंद्रकलाश्री जी का 63 वॉं जन्मोत्सव वाणीके जादुगर, शासन सुर्या पु. स्नेहाश्रीजी म.सा., मधुरकंठी पु. श्रुतप्रज्ञा श्री जी म. सा. के पावन सानिध्य मे बडे भक्तिभाव से अनेक गुरुभक्तो के प्रमुख उपस्थिती मे मनाया गया! संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी को गुरुमॉं द्वारा “संघ- शिरोमणी” इस पदसे समारोह के प्रमुख अतिंथी, उपाध्याय प्रवरश्री जी के परिवर्तन चातुर्मास 2025 के मुंख्य कर्णधार एवं प्रसिध्द उद्योजक श्रीमान सुनीलजी नहार के करकमलो द्वारा सन्मान पत्र देकर गौरन्वित किया गया! इस अवसर पर पुर्व संघाध्यक्ष संतोषजी कर्नावट,जैन कॉन्फ़्रेंस पंचम झोन के अध्यक्ष नितीनजी बेदमुथा , सादड़ी सदन के पुर्वाध्यंक्ष खुबीलालजी, वर्तमान अध्यंक्ष प्रविण जी सोलंकी, पुर्व राष्ट्रीय युवाध्यक्ष सागरजी साखला, भोसरी संघके अध्यक्ष राजेंन्द्रजी बांठिया, पुर...

त्योहारों को श्रद्धा और उत्साह से मनाना ही सच्ची भक्ति है: भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि

श्री गुजराती जैन संघ गांधीनगर में चातुर्मास हेतु विराजित भारत गौरव डॉ. श्री वरुण मुनि जी म.सा. ने रविवार को धर्मसभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि त्योहार केवल आनंद और उल्लास के अवसर नहीं होते, बल्कि वे आत्मिक शुद्धि, सद्भावना और समाज में संस्कारों के संचार के प्रतीक हैं। मुनि श्री ने अपने प्रेरक प्रवचन में कहा कि जब हम किसी भी पर्व को श्रद्धा, संयम और उल्लासपूर्ण भावना से मनाते हैं, तब वह हमारे जीवन में नई ऊर्जा, संतुलन और आत्मिक प्रसन्नता का संचार करता है। उन्होंने कहा कि त्योहार केवल परंपराओं का पालन भर नहीं, बल्कि हमारे अंतर्मन को शुद्ध करने और आत्मा को जागृत करने के अवसर हैं। गुरुदेव श्री ने आगे कहा कि त्योहारों के माध्यम से हमें सदाचार, सेवा, करुणा और आत्मसंयम जैसे सद्गुणों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “जब हमारी भक्ति व्यवहार में और श्रद्धा आचरण ...

Skip to toolbar