चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा के सानिध्य में साध्वी प्रभाकंवर की जयंती पर महिला भिक्षु दया का आयोजन हुआ जिसमें 250 महिलाओं ने एक दिवसीय साधुजीवन अपनाया। साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा महापुरुषों की जीवन गाथा को उनके महान कार्यो के लिए गाई जाती है।
महान लोग अपने अच्छे विचारों से खुद के जीवन को संवारने के साथ दूसरों के जीवन को भी निखारते हैं। साध्वी सुविधि ने कहा कि वर्तमान में मनुष्य अपने गलत विचारों की वजह से ही दुखों को झेल रहा है।
दूसरो के प्रति गलत धारणा रख कर खुद के मार्गो को गलत करता है। हार जीत और लाभ हानि मनुष्य के बस की बात नहीं होती है। लेकिन सुख दुख तो मनुष्य के हाथ में होता है। यह सिर्फ मनुष्य की सोच पर निर्भर करता है।
जैसा जिसका विचार होगा वैसा ही लोगों को सुख दुख का अनुभव होगा। भिक्षु दया में बाबूलाल राजकुमार भंसाली परिवार का सहयोग रहा। संघ अध्यक्ष आनंदमल छलाणी, सुरेश कोठारी, महावीर सिसोदिया उपस्थित थे।