साहुकारपेट तेरापंथ भवन में मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार ने सहवर्ती मुनिवृन्द के साथ किया चातुर्मास प्रवेश
चेन्नई. मुनि ज्ञानेन्द्रकुमार नेे सहवर्ती मुनिवृन्द विनीत कुमार, विमलेश कुमार के साथ इस वर्ष के चातुर्मास के लिए साहुकारपेट स्थित तेरापंथ भवन में मंगल प्रवेश किया। ओसवाल गार्डन से प्रस्थान कर मुनिवृंद भव्य जुलूस के साथ वॉलटैक्स रोड होते हुए मनगप्पन स्ट्रीट स्थित तेरापंथ भवन में जय नारों के साथ पहुंचे।
स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए मुनि ज्ञानेन्द्र कुमार ने कहा कि चातुर्मास में आध्यामिक अर्हता का विकास हो। भाई-बहन ज्ञान व दर्शन के क्षेत्र में आगे बढ़ें। अपेक्षा है कि निर्धारित समय के अनुसार आप कार्यशाला में सहयोगी बनें। मुनि रमेश कुमार ने कहा धर्म शुद्ध चैतन्य में निवास करता है। चातुर्मास चित्र की शुद्धि का अवसर है। मुनियों का सच्चा स्वागत तप-त्याग से चित्र की शुद्धि से करें। उन्होंने कहा कि साथ मिलकर आज उत्सव मनाते हैं।
मुनि विमलेश कुमार ने कहा संतों का चातुर्मास ऐतिहासकि बनाने के लिए हमें स्वयं कोई न कोई एक आध्यात्मिक धार्मिक उपलब्धि हासिल करने के लिए पुरुषार्थ करना चाहिए।
मुनि सुबोध कुमार ने कहा चंदन शीतल होता है और चंद्रमा चंदन से भी ज्यादा शीतलता प्रदान करता है। चंदन और चंद्रमा से भी ज्यादा शीतलता संत प्रदान करते हैं। वे ताप और संताप को हराने वाले होते हैं।
जय तुलसी संगीत मंडल की महिलाओंं ने स्वागत गीत से समारोह का शुभारंभ हुआ। तेरापंथ सभा के मंत्री प्रवीण बाबेल ने समाज की ओर से संतों का स्वागत किया।
तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष केवलचंद माण्डोत, मुख्य अथिति जयन्तीलाल सुराणा, तेरापंथ महासभा के ट्रस्टी ज्ञानचंद आंचलिया, तेरापंथ भवन बोर्ड के मुख्य न्यासी इन्द्रचंद डुंगरवाल, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष प्रवीण सुराणा, तेरापंथ महिला मंडल की ओर से कमला देवी गेलड़ा, तेरापंथ प्रोफशनल फार्म के अध्यक्ष अनिल लुणावत, अणुव्रत समिति के मंत्री जितेन्द्र समदडिया सहित कइयों ने अपनी अभिव्यक्ति दी।
पिनल भंडारी ने स्वागत किया। स्वागत समारोह का संयोजन व आभार तेरापंथ सभा के मंत्री प्रवीण बाबेल ने किया।