चेन्नई. चिंताद्रीपेट जैन स्थानक से गुरुवार को प्रस्थान कर साध्वी कंचन कुंवर, साध्वी डॉ. सुप्रभा, साध्वी डॉ. उदितप्रभा, साध्वी विजयप्रभा, साध्वी डॉ. हेमप्रभा एवं अन्य साध्वीवृंद ने साध्वी डॉ. उदितप्रभा के सांसारिक भाई सुरेश बैद के साहुकारपेट स्थित निवास पर प्रवेश किया।
दीक्षा के 38 वर्ष बाद प्रथम बार अपने गृहस्थान पर पहुंचने पर साध्वीमंडल का स्वागत हुआ। इस अवसर पर साध्वी डॉ. सुप्रभा ने कहा चेन्नई की दीक्षित संयमी बेटियां अन्य साध्वियों के साथ आयी हैं, आप सभी उनसे अच्छी सीख ग्रहण करें। एएमकेएम में होने जा रहे चातुर्मास का भरपूर लाभ लेकर त्याग-तप-धर्माराधना करें।
महासती डॉ.उदित प्रभा ने कहा 38 वर्ष पूर्व इसी साहुकारपेट की धरती से सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर यहां से विदा हुईं। मां की ममता, पिता का प्यार मिला, शिक्षा के साथ संस्कार, दुलार के साथ दीक्षा महोत्सव भी कराया।
ज्ञान की दीप्ति, दर्शन की दृष्टि, स्वाध्याय की प्रेरणा प्रदान कर गुरुदेव ने संयम मंत्र प्रदान किया। आज पहली बार जहां बचपन मिला, स्कूल शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्म की शिक्षा भी प्राप्त हुई, यह वही ऊर्जा भूमि, पावन पवित्र भूमि है।
वीरमाता-पिता रुकमाबाई-बालचन्द बैद के उपकारों को कैसे भूलूं। आज भाई के गृहांगन में दीक्षित बहन का पदार्पण यानी धर्म, तप, त्याग की राखी बांधने आयी है।
महासती के आह्वान पर उपस्थित सैकड़ों लोगों ने त्याग-तप की राखी बांध उनका स्वागत किया। इस अवसर पर सुरेश बैद सहित बैद परिवार की बहन बेटियों ने भजन, भाषण, आभार व्यक्त किया। सभा का संचालन जवरीलाल करनावट ने किया। इस अवसर पर मधुकर उमराव अर्चना चातुर्मास समिति के पदाधिकारियों सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
शुक्रवार को साध्वीवृंद बादलचंद सायरचंद चोरडिय़ा जैन स्कूल में प्रवास और प्रवचन कार्यक्रम जैन स्थानक, साहुकारपेट में होगा।