अरसीकेरे (कर्नाटक): अरसिकेरे स्थानक भवन में विराजित आयंबिल शिरोमणि परम पूज्य साध्वी श्री आगमश्रीजी म.सा नवदीक्षित श्री धैर्याश्रीजी म.सा के शुभ सानिध्य में विजयादशमी के दिन अरसिकेरे स्थानक भवन में सुबह जोड़े जाप हुआ, आयंबिल तप आराधिका साध्वी श्री आगमश्रीजी म.सा के नव दिवसीय मौन साधना पूर्ण हुई और महासती के मुखारविंद से महामंगलिक हुआ।
नवदीक्षित साध्वी श्री धैर्याश्रीजी ने श्रीपाल चरित्र का बहुत सुंदर वर्णन किया।
इस मौके पर बालिका मंडल द्वारा पूज्य महासतीजी के तपस्या के उपलक्ष में एक नाटिका प्रस्तुत किया गया और महासतीजी के तप का अनुमोदना किया गया।
पूज्य महासतीजी के साथ अनेक भाई – बहनों के आयंबिल की तपस्या चल रही है, तपस्वी यो की अनुमोदना के लिए श्री महावीर जैन पाठशाला के बच्चों द्वारा श्रीपाल राजा एवं रानी मैनासुंदरी का सुंदर नाटक प्रस्तुत किया गया।
इस मौके पर संघ के पूर्व अध्यक्ष महावीरचंद बोहरा, चातुर्मास समिति अध्यक्ष मोहनलाल भलगट, जैन कॉन्फ्रेंस युवा शाखा के राज्य उपाध्यक्ष चेतन भलगट, गौतम चोपड़ा, मोहनलाल बोहरा, मदनलाल कटारिया, दिनेश बोहरा, सज्जन चोपड़ा, पुनीत गुगलीया, बाबूलाल भंडारी, विकास मेहता, डालचंद, कमलेश, नरेश, विनोद, सुनील आदि उपस्थित रहे।