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साधना की अभिव्यक्ति है ध्यानयोगी आध्यात्म योगी, मौन साधक है आचार्य डॉ. शिवमुनीजी म.सा.- साध्वी डॉ. राज श्री जी

साधना की अभिव्यक्ति है ध्यानयोगी आध्यात्म योगी, मौन साधक है आचार्य डॉ. शिवमुनीजी म.सा.- साध्वी डॉ. राज श्री जी

साधना पथ के योगी! साधना की अभिव्यक्ति है ध्यानयोगी आध्यात्म योगी, मौन साधक है आचार्य डॉ. शिवमुनीजी म.सा.- साध्वी डॉ. राज श्री जी म.सा. आज आकुर्डी स्थानक भवनमें तीन महापुरुषों का जन्मोत्सव आध्यात्मिक रुपसे महासाघ्वी डॉ. राज श्रीजी डॉ. मेघा़श्रीजी, साध्वी समिक्षा श्री जी, साध्वी जिनाज्ञा श्री जी के सानिध्य में अनेक गणमान्य श्रावक श्राविका के उपस्थिती में मनाया गया! “ पुच्छिसुणं” जाप के 13 वे गाथा का संपुट हुआ! साध्वी समिक्षा श्री जी ने “ मिला मुझको तो वरदान है, खिला खुशियोंका उद्यान है !”

यह सुंदर भजन सादर किया! डॉ. राज श्री जी, डॉ. मेघा़श्री जी साध्वी जिनाज्ञा श्री जी ने श्रमण संघ के प्रथम आचार्य पु. आत्मारामजी म. सा. चतुर्थ पट्टधर डॉ. शिवमुनीजी म.सा, दादगुरुणीसा कुसुमवती जी के गुण विशेष आध्यात्म आस्था का गौरवपूर्ण उल्लेख करएवं अनुभव कथन किये! Near (गुरु के पास रहकर ज्ञान पाना) Hear (गुरुवाणी सुनना) Dear ( प्रिय- प्यारा ) समर्पण भाव रंखना, Tear( पच्ऱ्शाताप के ॲांसु ) Fear (पाप का डर होना चाहिये) इन पॉंच उक्तियोंका उपयोग कर गुरुप्रित बढ़ाने का एहलान किया! नारियल, बेर, सुपारी, द्राक्षा इन वस्तुओंका गुण वर्णन कर हमे अंगुर समान जीवन व्यतीत करना है! ज्ञान wonderful हो, दर्शन Beautiful हो, चारिेत्र Successful हो, लांईफ Powerful हो !

फुलो समान खुशबु, दिपक समान प्रकाश मस्त हमारा जीवन हो! आज के धर्मसभा मे सौ. गितांजली सोनिमिंडीया इस बहना ने 65 निरंतर उपवास के प्रत्याख्यान लिये! उन्हे श्री संघ द्वारा सौ कांता ललवाणी, ज्योती खिंवसरा, शारदा जी चोरडीया, मनीषा जैन, सुनंदा जी लोढा, हिराबाई खिंवसरा द्वारा नवाजा गया! उसी प्रकार पर्युषण पर्व दरम्यान धर्म आराधना कराना हेतु विविध स्थानोपर आकुर्डी संघ द्वारा गयी बहना सौ शारदा जी चोरडीया, शुभांगी कात्रेला, मंजु जी संचेती, विजयाजी कर्नावट, परेश जी नहार( पोपटलालजी नहार) इन्हे श्री संघ द्वारा सन्मानीत किया गया! बैरागन बहना को विद्यार्जन कराने वाली बहना सविता जी बोरा को भी सन्मानित किया! आज के इस समारोहमे संघ के ज्येष्ठ सदस्य कांतीलालजी मुनोत ने अपने भाव प्रकट कर प्रभु चरणो मे भजन गाया। मंजुजी संचेती एवं राहुल पारख ने भी सुंदर भजन की प्रस्तुती की! सौ शारदा चोरडीया ने एवं संघाध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी ने गुरुजनों के गुणानुवाद हेतु अपने विचार प्रकट कर अपने गुरुभगवंतों के सानिध्य का गौरवपूर्ण उल्लेख किया!

आचार्य भगवंत ने आकुर्डी स्थानक भवन मे पधारकर अनेकोत्तम आशिर्वाद प्रदान किये इसका संघाध्यक्ष ने क्रुतज्ञता पुर्वक जिक्र किया! आज के धर्मसभा मे पिंपरी- चिॅचवड के विविध श्री संघ के पदाधिकारीयो ने सहभाग लिया अशोकजी लुंकड, सतिंशजी मेहेर, प्रकाश जी बंब उदयपुर से श्यामजी झगडावत, छोगालालजी तलेसरा, नाथुलालजी सिसोदिया, मनोहरलालजी वस्तावत, भुरिबाईजी शिंगवी, सुरत एवं पुना के पुष्कर धाम के पदाधिकारी आदि मान्यवर उपस्थित थे! गुरुभगवंतो के जन्मोत्सव के कार्यक्रम का आयोजन श्री संघ द्वारा किस गया था! प्रँथम दिवस सामुहिक एकासन, द्वितीय दिवस पंचरंगी सामायिक त्रुतिय दिवस सामुहिक प्रार्थना, दो सामाईक एवं गुणानुनाद! सभी उपस्थित मान्यवरोंका श्री संघ द्वारा सुभाषजी ललवाणी ने स्वागत किया!

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