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सांसारिक व्यवहारों में राग द्वेष से मत जुडो कर्तव्य भाव से ही जुडो

सांसारिक व्यवहारों में राग द्वेष से मत जुडो कर्तव्य भाव से ही जुडो

*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*

 

*🪷प्रवचन प्रवाहक:🪷*

*युग प्रभावक कृपाप्राप्त*

मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.

 

*☀️प्रवचन वैभव☀️*

🌧️

7️⃣4️⃣

💫

366)

सांसारिक

व्यवहारों में

राग द्वेष से मत जुडो..

कर्तव्य भाव से ही जुडो.!

367)

कषाय हो

ऐसे निमित्तो को

Wide ball समझकर

जाने दो, उससे टकराओ मत.!

368)

विभाव से

दूर रहना महान तप हैं.!

369)

दूसरे किनारे पहुंचना है तो

एक किनारा छोड़ना पड़ता है,

वैसे ही आत्मबोध पाना है तो

परभाव छोड़ना पड़ता है.!

370)

अंतिम समय में

जैसी भावना रहेगी

वैसा ही अगला जन्म मिलेगा.!

 

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