अम्बत्तूर स्थित सेतू भास्कर उच्च माध्यमिक विद्यालय में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि आदमी के जीवन में ज्ञान का बहुत महत्त्वूपर्ण स्थान होता है। आदमी के पास खुद का ज्ञान होना चाहिए और अपने ज्ञान का कहीं ज्यादा महत्त्व होता है। आचार्यश्री विद्यालय से ज्ञान प्राप्ति की पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि आदमी को अपने जीवन में खुद के ज्ञान का विकास करने का प्रयास करना चाहिए।
जिस तरह आदमी के जीवन में स्वयं की आंख की महत्ता होती है, उसी प्रकार अपने ज्ञान का महत्त्व होता है। विद्यालयों, विश्वविद्यालयों में लौकिक ज्ञान प्रदान किया जाता है, उसके साथ ही विद्यार्थियों को आध्यात्मिक ज्ञान भी प्रदान किया जाए तो विद्यार्थियों का अच्छा विकास हो सकता है। आदमी के जीवन में जब ज्ञान का विकास होता है सम्यक् आचार भी हो सकता है और आत्मा उत्थान की दिशा में आगे बढ़ सकती है।
अज्ञान अपने आप में दुःख और कष्ट है। इसलिए आदमी को ज्ञान का विकास करने का प्रयास करना चाहिए। जिससे आदमी राग से वीराग की ओर जा सके और मैत्रीपर्ण चेतना बन सके। सम्यक् ज्ञान के बिना सम्यक् आचार का भी उतना लाभ नहीं प्राप्त हो सकता है। आचार्य भिक्षु ज्ञानीपुरुष थे। उन्होंने अपने ज्ञान से कितनों को आलोकित किया था। आदमी को अपने जीवन में निरंतर विकास करना चाहिए।
मंगल प्रवचन के पश्चात् आचार्यश्री ने अम्बत्तूरवासियों को अहिंसा यात्रा के तीना उद्देश्यों को बताया और उन्हें इसके तीनों संकल्पों को स्वीकार करने का आह्वान किया तो उपस्थित अम्बत्तूरवासियों ने आचार्यश्री के समक्ष उपस्थित होकर सहर्ष तीनों संकल्पों को स्वीकार किया।
साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभा ने अम्बत्तूरवासियों को पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि जीवन को सफल बनाने के लिए धर्म का आचरण करें और जब आचार्यश्री महाश्रमणजी जैसे महापुरुष कहीं आ जाए तो वहां सबकुछ प्राप्त हो सकता है। अम्बत्तूर से जन्मी समणी शशिप्रज्ञाजी ने आचार्यश्री के समक्ष अपनी श्रद्धासिक्त अभिव्यक्ति दी।
अम्बत्तूर महिला मण्डल ने गीत का संगान किया। अम्बत्तूर तेरापंथ समाज के अध्यक्ष श्री आनंद समदड़िया, मंत्री राकेश बैद, एस.एस. जैन संघ के मंत्री श्री गौतम गादिया, उपासिका श्रीमती कांता सिंघी व बालिका खुशी बोहरा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। अम्बत्तूर ज्ञानाशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण अभिव्यक्ति के माध्यम से अपने आराध्य का अभिनन्दन किया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि श्री दिनेश कुमार ने किया| इससे पूर्व आचार्य श्री धवल सेना के साथ प्रात: 06.40 बजे रेड हिल्स से लगभग 12 किलोमीटर का विहार कर अम्बतूर स्थित सेतु भास्कर उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे। जहां स्कूल प्रबन्धन से जुड़े लोगों ने भी आचार्यश्री का अपने विद्यालय में स्वागत किया।