Share This Post

ज्ञान वाणी

सम्मान करने से मिलता है सम्मान: विनयमुनि

सम्मान करने से मिलता है सम्मान: विनयमुनि

चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि ने रविवार को कहा कि गुरु के चरणों में जाने से नहीं बल्कि उनके चरणों को स्वीकार करने से कल्याण होता है। सद्गुरु के चरण को स्वीकार करने पर संसार रूपी सागर से पार निकला जा सकता है।

उन्होंने कहा आंखों से मोतियाबिन्द हटने के बाद जिस प्रकार अचानक प्रकाश मिलता है, उसी प्रकार गुरु चरणों में जाने का लाभ मिलता है। उनके चरणों में जाने से मनुष्य को नए मार्ग और नए प्रकाश का लाभ मिलता है। इससे जीवन सफलता की ओर बढ़ता चला जाता है।

उन्होंने कहा दूसरों का आदर करने से जीवन की तमाम बुराइयां अपने आप दूर होती चली जाती हैं। सागरमुनि ने कहा परमात्मा ने अपने आचरण से उपदेश देकर सुख और शांति का मार्ग गठित किया है। बहुत ही पुण्यशाली होने पर मनुष्य का भव मिलता है। इस भव में आकर जीवन को व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

परमात्मा ने आलोक के स्वरूप को बताया है, जो जीवन के तत्व को नहीं जानते वे लोक को भी नहीं जान सकते। आत्मा को जानने वाला पूरे लोक के स्वरूप को जान लेता है।

अंधकार को जानने वालों के जीवन में प्रकाश आ जाता है। आत्मा का स्वभाव ठंडा होता है लेकिन कषाय आने पर मनुष्य में लोभ, मोह और माया आ जाती है। इससे जीवन अंधकार रूपी मार्ग पर जाने लगता है। उन्होंने कहा कि साधना, तप और धर्म कर इसका अंत किया जा सकता है।

इस मौके पर संघ के अध्यक्ष आनंदमल छल्लानी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। मंत्री मंगलचंद खारीवाल ने संचालन किया। कोषाध्यक्ष गौतम दुगड़ ने बताया कि विनयमुनि और गौतममुनि के सानिध्य में नाग पंचमी के दिन (सोमवार) एसएस जैन संघ में जैन पुस्तकालय का भव्य शुभारंभ होगा। इससे पहले संघ के अध्यक्ष सहित 80 सदस्यों से ज्यादा लोग भगवान के दर्शनार्थ पाथर्डी के लिए रवाना हुए।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar