कोयम्बत्तूर आर एस पुरम स्थित आराधना भवन में चातुर्मासिक प्रवचन की कड़ी में विमलशिष्य वीरेन्द्र मुनि ने धर्म सभा को संबोधित करते हुवे कहा कि आज भारत की आजादी का दिन है आज दिन के भारत अंग्रेजों के बंधन से मुक्त हुआ हमारा भारत मुगल सम्राटों व अंग्रेजों की गुलामी में बंधा था करीब 4 सौ 5 सौ वर्षों परन्तु हमारी आत्मा तो कर्मों की बेडीयों से अनंत अनादि काल से बंधी है उसे आजाद करने का कभी सोचा या नहीं भारत को आजाद कराने के लिए बच्चे जवान बूढे स्त्री और पुरुष सभी ने भरपूर सहयोग दिया तब जाकर भारत आजाद हुआ*
वीरेन्द्र मुनि
भगत सिंह उधमसिंह नेताजी सुभाष चंद्र बोस मोतीलाल नेहरू लाल बहादुर शास्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल महात्मा गांधी जवाहरलाल नेहरु चंद्रशेखर आजाद लाला ख्याली राम आदि सभी ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया कईयों ने भारत की आन बान शान के लिये अपने जीवन को कुर्बान किया स्वतंत्रता सेनानियों से इतिहास भरा पड़ा है झांसी की रानी ने अंग्रेजी से सेना लोहा लिया इसलिये कहते हैं खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नारा था तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा*
मुनि श्री ने चंद्रशेखर आजाद के समय चूड़ी आंदोलन की घटी घटना भी सुनाई इंदिरा गांधी का उदाहरण पेश किया भारत के आजादी दिलाने से हमारे पूर्वजों ने अपना खून पसीना बहाया है तो हमें भारत की आजादी को अक्षुन रखने के लिए भारतीय संस्कृति को बनाये रखना होगा हम विदेशी चीजों का बहिष्कार करें भारत में बनी चीजों का उपयोग करेंगे तभी हमारा भारत महान बन सकेगा हमें अपने भारतीय होने का गौरव होना चाहिये व भारत की आन बान शान के लिये प्राणों की आहुति देने में कभी कमी नहीं करनी चाहिये*