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सभी के प्रति हृदय के मंगल भाव प्रगट करना ही दीपावली की सार्थकता है: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

सभी के प्रति हृदय के मंगल भाव प्रगट करना ही दीपावली की सार्थकता है: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी ने भगवान महावीर स्वामी के उपदेशों का वर्णन करते हुए कहा कि उनके द्वारा प्रदान किए गए उपदेश उस जमाने की अपेक्षा वर्तमान समय में अत्यधिक आवश्यक है! वर्तमान समय में संसार में चारों और आपधापी भाषा व धर्म और राष्ट्रीय सीमाओं के नाम पर आपसी विवाद एवं कोरोना डेंगू कैंसर आदि भयंकर बीमारिओ का आक्रमण बढ़ता जा रहा है! सत्य अहिंसा क्षमा अपरिग्रह शाकाहार आदि सिद्धांतो को मानव जीवन में धारण कर ले तो बहुत कुछ जगत में शान्ति सम्भव है! जीवन का अंतिम लक्ष्य हर प्राणी का शान्ति सुख को पाना ही रहता है! उस हेतु वह जीवन भर प्रयासरत रहता है!

मुनि जी ने उदाहरण देते हुए कहा, एक व्यक्ति होटल की 52वीं मंजिल में ठहरता है व घूमने निकल जाता है रात को विश्राम के लिए पुन : होटल पर पहुंचा किन्तु लाइट की खराबी होने से लिफ्ट बन्द हो चुकी थी। अपने दो साथिओं के साथ पैदल ही सीढ़िया चढने लगा एवं बातें करते करते अंतिम मंजिल पर पहुँचे। उस वक्त ज्ञात हुआ की कमरे की चाबीया तो नीचे ही चौकीदार के पास छूट गई सारा प्रयास व्यर्थ गया, आज मानव की भी यही हालात हो रही है! जिस शान्ति के लिए जीवन भर प्रयास करता है और अंतिम पड़ाव पर पहुँचने पर लगता है। शान्ति की आध्यत्मिक चाबी जीवन में पीछे छूट गई पर अब पश्चाताप से कोई परिणाम हासिल नहीं होते!

भगवान महावीर का निर्वाण, भगवान राम के अयोध्या आगमन, राजा विक्रमदित्य द्वारा व्यापारिओ के टैक्स माफ कर नये बहीखाते फ़ाइल आदि प्रारम्भ करवाने आदि प्रसंगो का शुभ संबंध दीपावली के त्यौहार के साथ जुड़े होने के कारण सामाजिक व धार्मिक दृष्टि से यह त्यौहार देखने का मनाने का अवसर जीवन में प्राप्त हुआ है। इस हेतु हम माता पिता गुरु भाई बंधु व समस्त सहयोगिओ का आभार माने उनके लिए मंगल कामनायें प्रदान करें, मैत्री भाव को स्थापित करें विरोधिओ के विरोध को नजरअंदाज करके प्रेम के प्यार के स्नेह के हाथ बढ़ावे तभी यह त्यौहार सफल सार्थक होगा! सभा में महामंत्री उमेश जैन प्रधान महेश जैन द्वारा सूचनाएं व 5 नवंबर को नूतन वर्ष पर सुबह 7 बजे महामंगलिक पर सभी को आमंत्रित किया।

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