चेन्नई. साध्वी कुमुदलता एवं अन्य साध्वीवृन्द चेन्नई से तिरुपति की तरफ विहार के दौरान गुम्मडीपूंडी के तड़ा गांव स्थित सुरेशचंद गलेड़ा के निवास पर पहुुंची। गुरुभक्तों ने साध्वीवृन्द के दर्शन किए। साध्वी मंडल ने कहा जीवन में सत्संग का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। परिवार का एक संग होता है, पत्नी का एक संग होता है, पति का एक संग होता है, मित्र और दोस्तों का संग होना चाहिए।
साधु-साध्वी गुरु भगवंतो का संग सत्संग कहलाता है और सत्संग गुरु भक्ति करना सिखाता है। सत्संग से कर्म निर्जरा होती है, सत्संग से सुख मिलता है, जीवन का कण-कण खिलता है। गुरु भगवंत के आभामंडल से व्यक्ति को नए जीवन जीने की ताकत मिलती है। जैन साधु-साध्वी की विहारचर्या से गृहस्थ जीवन में कुछ करने की इच्छा रखता है।
संत विहारचर्या में पैदल चलकर जीवन में की राह में आने वाले परिस्थितियों को ग्रहण करते हैं और सरलता, विनय-विवेक से सहन करते हैं। विहार सेवा में गुरु दिवाकर कमला युवा संघ के चेयरमैन अनिल कोचेटा, राजेश बाफना, सुनील सुराणा, राजेंद्र वैदमुथा आदि श्री संघ के सदस्य एवं गुम्मडीपूंडी संघ मंत्री महावीरचंद सांखला उपस्थित थे।