चेन्नई.
पेरम्बूर जैन स्थानक में विराजित समकित मुनि ने कहा प्यार का रिश्ता होता है देवर और भाभी का। बहुत से ऐेसे प्रसंग आते हैं जिनमें भाभी ने देवर को अपने बच्चों से बढ़कर संभाला जबकि अनेक प्रसंग ऐसे भी आते हैं जिनमें देवर ने भाभी में मां की छवि देखी। लक्ष्मण और सीता का देवर भाभी का रिश्ता एक आदर्श रिश्ता रहा। पांच साल की उम्र में श्रीपाल के पिता राजा सिंहस्थ की मृत्यु हो गई। महारानी कमलप्रभा ने राज्य का भार देवर वीरदमन को न देकर मंत्री मतिसागर को दिया। इसके कारण देवर को मतिसागर का दुश्मन बना दिया और सारी जनता कमलप्रभा की दुश्मन हो गई जिसका फायदा वीरदमन ने उठाया और धीरे-धीरे सारी सेना को अपनी ओर कर लिया एवं भतीजे को मारने की साजिश रच दी। सत्ता न खून का रिश्ता जानती है न भावना का। सत्ता का नशा चढ़ता है तो व्यक्ति सारी मार्यादाएं भूल जाता है। सत्ता संसार देती है लेकिन अपनों को छीन लेती है। वीरदमन की योजना का पता चलते ही वह अपने पुत्र को लेकर जंगल में चली गई। वे दोनों कोढिय़ों के दल में मिल गए और आगे बढ़ गए।