चेन्नई. कोडमबाक्कम-वडपलनी जैन भवन में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी सुमित्रा के सानिध्य में शनिवार को अरिहंत प्रभु सीमंधर स्वामी भगवान का जाप अनुष्ठान हुआ। जाप से पहले साध्वी सुमित्रा ने कहा कि प्रभु का जाप और यज्ञ श्रावक श्राविकाओं को तप, त्याग आराधना और साधना से करना चाहिए।
सच्चे मन से किया गया यज्ञ मनुष्य के जीवन को बदलने में सहायता होता है। मनुष्य शांति के लिए जप करता है तो उसे इसमें सच्चे मन को लगाना चाहिए। जीवन में उसी व्यक्ति का कल्याण होता है जो पूरी निष्ठा के साथ कार्य करते है।
जाप करते हुए सभी को कुछ ना कुछ संकल्प जरूर लेना चाहिए। जाप के समय ना खुद बोलना चाहिए और ना किसी और को बोलने देना चाहिए। सुनने और श्रद्धा भक्ति से जाप करने वालों को लाभ होता है और निर्जरा भी होती है।
सभा में उपस्थित श्रावक श्राविकाओं ने एक घंटे का जांप किया।इस अवसर पर बाहर गांव से भी श्रद्धालु उपस्थित हुए।