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श्री हरिभद्राचार्यजी ने भावपूजा को सफल बनाने 33 कर्तव्यों का विधान किया है

श्री हरिभद्राचार्यजी ने भावपूजा को सफल बनाने 33 कर्तव्यों का विधान किया है

*विंशत्यधिकं शतम्*

*📚💎📚श्रुतप्रसादम्*

🪔

*तत्त्वचिंतन:*

*मार्गस्थ कृपानिधि*

*सूरि जयन्तसेन चरणरज*

मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.

 

9️⃣7️⃣

📜

श्री हरिभद्राचार्यजी ने

भावपूजा को सफल बनाने

33 कर्तव्यों का विधान किया है..

माता पिता

विद्यागुरु, धर्मगुरु

आदि गुरुजनों के प्रति

विनय बहुमान भाव रखना.!

हेय के त्याग में

उपादेय का आचरण के

यथाशक्ति प्रवृत्ति अवश्य करें.!

कुछ

बोलने से पहले

कार्य करने से पहले

दीर्घदृष्टि से परिणाम का

विचार करके ही प्रवृत्ति करनी.!

मृत्यु को

सदैव दृष्टि में रखें

अमरत्व लेके जन्मे है

ऐसे भ्रम में कदापि न रहें

जीवन की क्षणिकता एवं

नश्वरता को सदैव ध्यान में रखें

जिससे दुष्कृत्य पर रोक लगेगी.!

*📚श्री ललितविस्तरा वृत्ति📚*

 

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