अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी कुमुदलता व अन्य साध्वीवृन्द के सान्निध्य में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई।
इस अवसर पर साध्वी कुमुदलता ने भगवान श्रीकृष्ण और महावीर स्वामी जीवन की समानताओं का विवेचन करते हुए कहा कि चंडकौशिक सांप ने महावीर स्वामी को डंक मारा तो महावीर ने अमृत धारा बरसाई, उसी प्रकार श्रीकृष्ण की भक्ति में मीरा ने विष का प्याला पिया तो वह अमृत बन गया।
इस अवसर फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के दौरान बच्चों ने राधा-कृष्ण की वेशभूषा में प्रस्तुति दी। च्चखाण हांडी के पच्चखाण लेकर गुरुभक्तों ने पर्युषण के पचाखाण लेकर धार्मिक जीवन जीने की शिक्षा ग्रहण की।