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शिविरों में होता है भविष्य का निर्माण

शिविरों में होता है भविष्य का निर्माण

चेन्नई. साध्वी सिद्धीसुधा के सानिध्य में तांबरम जैन श्री संघ के तत्वावधान में चल रहे बाल सेस्कार शिविर के समापन के अवसर पर साध्वी ने कहा कि शिविर शब्द में ही इसका अर्थ छुपा है। शि का अर्थ है शिक्षा हो संस्कारों के साथ।

वि कहता है विनय हो, विचारों में शुद्धता हो। र कहता है रमण करना। इस तरह के शिविर का आयोजन होता रहे। देश के भविष्य का निर्माण होता रहे।बच्चों की पहली पाठशाला मां की गोद होती है। बच्चे को संस्कारित करना मां की जिम्मेदारी होती है। जो कभी भूल न करे उसे भगवान कहते है और जो भूल से बचता रहे उसे इंसान कहते है। जो भूल पर हंसता रहे वो शैतान है।

जो भूल से सीखे उसे बुद्धिमान कहते है। इस अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। शिविर में भाग लेने वाले 170 बच्चों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

समारोह में प्रमुख अतिथि जैन कांफ्रेस के अध्यक्ष महावीर रांका, सुरेन्द्र बोहरा, सुखराज कटारिया, दिनेश बोहरा, तांबरम श्रीसंघ के अध्यक्ष खिवराज गांधी, मोहनलाल खिंवसरा, पारस भलगट, ज्ञान मुणोत साथ ही साहुकारपेट, आवड़ी, पट्टाभिराम, सेलूर, क्रोमपेट, टीनगर से भी सदस्य उपस्थित थे।

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