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वासना की आंधी ज्ञान का दीया बुझा देती है – साध्वी ऋतम्भरा जी

वासना की आंधी ज्ञान का दीया बुझा देती है – साध्वी ऋतम्भरा जी

चेन्नई. वेपेरी स्थित अग्रवाल विद्यालय एंड जूनियर कॉलेज में श्री अग्रवाल समाज मद्रास के तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय राम कथा का आयोजन किया गया है।

 कथा के छठवें दिन समाज के अध्यक्ष श्री मुरारीलाल सोंथलिया जी ने दीदी माँ जी से निवेदन किया कि वे अपनी वात्सल्य वाणी से अपने श्री मुख से मंगलमयी राम कथा श्रवण कराकर सभी भक्त गणों को धन्य करें। इसके उपरांत व्यास पीठ पर विराजमान मथुरा वृन्दावन धाम से पधारी आध्यात्मिक विभूति कथा व्यास वात्सल्यमूर्ति परम पूज्या दीदी मां साध्वी श्री ऋतम्भरा जी ने हनुमत स्तुति एवम् सभी इष्ट देवों को आमंत्रित कर कथा प्रारंभ किया तथा श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन भजन गाकर पूरे सभागार को भक्तिमय कर दिया ।

 

साध्वी जी ने हीरा पत्थर का वर्णन करते कहा कि जिस प्रकार एक पत्थर को तराशकर हीरा बनाया जाता है, उसी प्रकार ईश्वर भी मनुष्यों को विभिन्न प्रकार के कष्ट देकर , चोटें देकर उनकी भक्ति को उनके प्रेम को निखारते हैं , सजाते हैं , सवारते हैं। लेकिन हम अज्ञानी ईश्वर की इस महिमा को समझ नहीं पाते हैं और उन्हें दोष देते रहते हैं लेकिन निखरता वही है जो उन चोटों को सहने की सामर्थ्य रखता है अर्थात इस मिथ्या संसार के सत्य को जान लेता है।

दीदी माँ ने कथा को आगे बढाते हुए कहा कि, वासना की आंधी ज्ञान का दीया बुझा देती है, इसलिए हमें भोग विलास की वस्तुओं मे लिप्त न होकर किसी जागृत व्यक्ति अर्थात गुरू के पास बैठकर उनकी साधना कर आत्मा को परमात्मा से मिलाने का प्रयत्न करना चाहिए ।

 

दीदी माँ ने शबरी प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि ईश्वर का कृपा पात्र बनने के लिए धैर्य बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि ईश्वर के दर्शन इतनी सरलता से प्राप्त नही होते हैं इसके लिए भक्ति और प्रेम की चरम सीमा को पार करना पडता है और ये एक दिन में नहीं होता हैं । शबरी ने कई वर्षो तक अपने आराध्य अपने इष्ट श्रीराम के दर्शन की अभिलाषा लिए जीवन पर्यन्त उनकी भक्ति उनकी प्रतीक्षा करती रहीं तब जाकर उन्हें भक्त वत्सल दयालु प्रभु श्रीराम के दर्शन प्राप्त हुए थे , उसी प्रकार जब हम भी अपनी सभी बुरी आसक्तियों को छोडकर धैर्य और पूरी एकनिष्ठा से एकाग्रचित होकर पूर्ण समर्पण के साथ कृपानिधान का स्मरण करेंगे तो उनकी कृपा हमें जरूर प्राप्त होगी।

 समाज के उपाध्य्क्ष श्री नरेंद्र कुमार सिंगला जी ने बताया कि -इस राम कथा में सिर्फ अग्रवाल समाज ही नहीं अपितु अन्य समाज के लोगों जैसे माहेश्वरी समाज , दहिमा समाज , राजपूत समाज , चौधरी समाज , ब्राह्मण समाज इत्यादि से भी लोगों ने पधारकर इस कथा का रसपान कर रहे हैं।

     समाज द्वारा वर्ष के अंत में आयोजित होने वाले इस आध्यात्मिक कार्यक्रम को भव्य एवं सफल बनाने के लिए समाज अध्यक्ष श्री मुरारीलाल सोंथालिया, उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार सिंगला महासचिव श्री हरीश कुमार लोहिया, संयोजक – श्री सज्जनकुमार रूंगटा, सह संयोजक श्री एस. के. तोदी, सचिव श्री सावरमल खेमका, कोषाध्यक्ष श्री विवेक अग्रवाल जी, सदस्या श्रीमती शालिनी अग्रवाल, उर्मिला सर्राफ एवं समस्त अग्रवाल समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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