अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में बुधवार को साध्वी कुमुदलता व अन्य साध्वीवृन्द के सान्निध्य एवं गुरु दिवाकर कमला वर्षावास समिति के तत्वावधान में प्रवर्तक पन्नालाल का 131वां जन्म जयंती सामयिक के साथ गुरु गुणगान के रूप में मनाई गई। साध्वी कुमुदलता ने अपनी भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कुछ संतों का आभामंडल ऐसा होता है कि उन्हें बार-बार देखने का मन करता है, ऐसे ही महान संत पुरुषों में प्रवर्तक पन्नालाल भी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की माटी ने कई संत महापुरुषों को जन्म दिया। प्रवर्तक पन्नालाल का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में एक माली परिवार में हुआ। उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए साध्वी ने कहा उनका नाम ही अनमोल है। पन्ना अनमोल रत्न होता है। पन्ना ऐसा रत्न होता है जिसे हर व्यक्ति धारण कर सकता है। इसका हरा रंग शांति का संदेश देता है। पन्नालाल को माता-पिता से ऐसे संस्कार मिले थे कि बचपन से ही वे जैन धर्म और अध्यात्म से काफी प्रभावित थे।
उनके बचपन का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि उनको बचपन में ही वैराग्य हो गया था। बचपन में एक बार वे मुनि गौतम स्वामी को आहार कराने अपने घर ले जाते हैं और मां की अनुमति से उनके साथ प्रभु महावीर के दर्शनार्थ जाते हैं। वहां ओजस्वी वाणी को सुनकर उनके मन में दीक्षा लेने की चेष्टा जाग जाती है और मां से अनुमति लेकर मात्र ६ वर्ष की उम्र में संयम अंगीकार कर शुद्ध संयम पालकर अपनी आत्मा को परमात्मा मेंं लीन कर लेते हैं। वे भक्तों की आस्था के केंद्र थे।
श्रमण संघ में उनका योगदान अनूठा है। उनकी गौरव गाथा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। गुरु पन्ना ने स्वाध्याय संघ का बीजारोपण किया। वे महान व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने जीव दया और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लोगों को जागरूक किया।
साध्वी महाप्रज्ञा ने ‘जन्म जयंती मनाने का सुंदर अवसर आया है, चेन्नई शहर में आनन्द छाया है, जन-जन के मन में पन्ना समाया है…’, गीतिका के माध्यम से प्रवर्तक पन्नालाल के प्रति अपनी भावांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कई भक्तों ने भी गुरुदेव के प्रति अपने भाव व्यक्त किए। महिला मंडल ने गीतिका के माध्यम से गुरुदेव के प्रति अपने भाव प्रकट किए।
स्वागत भाषण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। इस मौके पर दीपचंद लूणिया, पदमचंद कांकरिया, सुरेश कोठारी, विजयराज गढ़वाणी, मीठालाल पगारिया, ललित मकाणा, सुरेश ललवाणी, प्रकाशचंद ललवाणी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।