महासाध्वी श्री महक जी महाराज ने कहा कि युवा किसी भी देश की आन बान शान होते हैं। देश के महापुरुषों ने कहा है कि देश को उन्नति के शिखर पर पहुँचाने के लिए युवा शक्ति को व्यसन और बुराईयों से बचना चाहिए। जिससे युवा ना सिर्फ स्वयं बल्कि अपने परिवार, समाज और देश को विश्व में सर्वोच्च स्थान दिला सकते हैं।
रविवार को नगर के श्री श्वेताम्बर जैन स्थानक में युवा दिवस मनाते हुए महासाध्वी श्री महक जी महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि यौवन काल जीवन का स्वर्णकाल है। ऐसा समय फिर कभी लौटकर नहीं आता। यौवन शक्तियों का पुंज होता है। अगर युवाओं की शक्ति सही दिशा में लगें तो समाज की तकदीर बदल सकती है। दुनिया में जितनी भी क्रांतियां हुई हैं, वे सब युवाओं के बलबूते पर हुई हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं को भटकने से बचना होगा। सामाजिक व राजनीतिक विवादों से दूर रहना होगा। व्यसन मुक्त, क्रोध रहित, संकल्पशील, सकारात्मक युवावस्था सुख-समृद्धि का वरदान है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि आप अपनी शक्ति और अपना समय बर्बाद मत होने दो।युवाओं को किसी भी प्रकार का नशा, गलत भोजन, गलत संगत और गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए। ये युवाओं के लिए सबसे खतरनाक होती हैं।
इन आदतों में फंसने के बाद उनसे बाहर निकलना मुश्किल होता है और एक समय ऐसा आता है कि इन गलत आदतों की वजह से युवा का भविष्य बर्बाद हो जाता है। जो भी कार्य या जिम्मेदारी मिली है उसे समय रहते ही पूरा कर लेना चाहिए। जो युवा इस बात को भूल जाते हैं और काम को कल पर टालने की प्रवृत्ति बना लेते हैं वे कभी सफलता का आनंद नहीं ले पाते हैं। इसलिए कल पर टालने की आदत से बचना चाहिए।
आचार्य विमलसागर सूरीश्वर ने विश्वास जताया कि यह युवा अधिवेशन समाज के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत बुनियाद खड़ी करेगा। महासाध्वी श्री समन्वय जी महाराज ने कहा कि साधु-संतों के सान्निध्य के बिना जीवन की सुरक्षा संदिग्ध है। उन्होंने युवा जीवन की सार्थकता के लिए अनेक महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। धर्म, समाज व मानवता के कार्यों में विशेष योगदान के लिए युवाओं को संगठित होकर आगे बढने का उन्होंने सुझाव दिया।