साधना से जीवन को उन्नत बनाने के दिये सूत्र
तेरापंथ धर्म संघ की संघीय संस्थाओं की रही उपस्थिती
माधावरम्, चेन्नई 04.07.2022 ; आचार्य श्री महाश्रमणजी के शिष्य मुनि सुधाकरजी एवं मुनि नरेशकुमारजी का प्रातः शुभ बेला में जैन तेरापंथ नगर, माधावरम्, चेन्नई में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। मुनिश्री सुधाकर ने स्वागत समारोह में समागम जनमेदनी को सम्बोधित करते हुए कहा कि चतुर्मास आत्म आराधना का समय है, तपो: साधना का समय हैं, जीवन को उद्धर्वगामी बनाने का समय हैं। आज हम गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी के आदेशानुसार, 2018 में आपके ही तपो:तेज से आप्लावित, सघन ऊर्जा से सम्पन्न वातावरण, पवित्र भूमि बनी इस माधावरम् में चातुर्मास्य प्रवास के लिए प्रवेश किया।
मुनिश्री ने धर्मसभा को मंगलमय पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि चातुर्मास के अवसर को सफल बनाने के लिए प्रत्याख्यान – मन, वचन, काया की त्रिगुप्ती साधना में सलक्ष्य, सलंग्न बनना चाहिए, तपस्या की साधना में आरोहण करना चाहिए। चातुर्मास की रीढ़ होता है -प्रवचन, अतः सभी को यथायोग्य नियमित प्रवचन श्रवण का लाभ लेना चाहिए। पच्चीस बोल को भावार्थ के साथ में कण्ठस्थ करना चाहिए। रोजाना हो तो ठीक नहीं तो कम से कम पक्खी (पद्रह दिनों में एक बार) प्रतिक्रमण का सिखाने के साथ, करने का लक्ष्य रखें। सबसे जरूरी इस समय में साधु-संतो की पर्युपाषणा, आराधना अवश्य करनी चाहिए। जिससे चतुर्मास के साथ अपना जीवन विकास भी हो सकेगा।
मुनि नरेशकुमार ने कहा कि दिल मिलने के बाद, कोई रुखा नहीं रह सकता। चतुर्मास में मुनि श्री से सुनी शिक्षाएं, बातें जीवन में उतरेगी, तब जीवन सफल, सुखद होगा।
ओसवाल गार्डन में विराजित साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा ने मुनिवृंद के चातुर्मासिक प्रवास में चहुंमुखी आध्यात्मिक विकास की मंगलकामना सम्प्रेषित की।
अहिंसा रैली
इससे पूर्व प्रातःकाल 9 बजे प्रमीला टिम्बर से अहिंसा रैली के रूप में मुनि श्री का चातुर्मास्य प्रवेश हुआ। तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में चल रही रैली में आगे-आगे तेयुप और किशोर मण्डल के साथी नव उद्घोषों को गुंजायमान करते हुए चल रहे थे। पिछे लाल चुन्दड़ी में जैन तेरापंथ महिला मण्डल की बहने मंगलगान के साथ अहिंसा रैली को मंगलमय बना रही थी। पिछे-पिछे महिला मण्डल, कन्या मण्डल की बहने-कन्याएं अपने गणवेश में चल रही थी। तेरापंथ सभा और श्रावक समाज के बीच मुनि वृंद सूरज की तेज किरणों में शोभायमान हो रहे थे। निर्धारित समय पर शुभ प्रवेश के अवसर पर श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड के नवीन कक्ष का लोकार्पण मुनि श्री के मंगल मंत्रोच्चार के साथ, विसर्जनकर्ता सुश्रावक श्रीमान सुकनराजजी कोठारी परिवार ने किया।
अहिंसा रैली के बाद धर्म सभा में परिवर्तित सभा में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ ट्रस्ट माधावरम् के प्रबन्धन्यासी घीसूलालजी बोहरा ने अतिथियों के साथ, दानदाताओं, विशिष्ट सेवा देने वाले कार्यकर्ताओं एवं जनमेदनी का स्वागत करते हुए कहा कि परम पूज्य गुरुदेव के बाद मिले, इस प्रथम पावस प्रवास में जीवन को सुखमय, शांतिमय, आनंदमय बनाने का हम प्रयास करें। स्वभाव की सौम्यता, हृदय की सहजता, व्यवहार की मधुरता, जीवन की शांति का अनुपम सोपान है, उसे जीवन में ह्रदयगम करें।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती नीलम सेठिया ने कहा मुनि प्रवर एक विजन के साथ, पुरुषार्थ से, समय का नियोजन करते हुए, श्रद्धालु समाज में श्रावकत्व को जगाने का प्रयास करते हैं। स्वागत समारोह की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष पंकज डागा ने कहा की सुधाकर यानी अमृत की रस बरसाने वाले होते हैं। अब हम उन्हें कितना ग्रहण करते हैं, यह हमारा दायित्व है। मुनि श्री तो हमें निरन्तर सिंचन प्रदान करते रहेंगे। विशिष्ट वक्ता तमिलनाडु सरकार अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य श्री प्यारेलाल पितलिया एवं तेरापंथ सभा कोयम्बटूर के अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द सुराणा ने कहा कि योग, तप, साधना के द्वारा चतुर्मास काल में जीवन को सफल बनाएं, तो चतुर्मास स्वयं सफल हो जाएगा।
अभ्यर्थना के स्वर
तेरापंथी सभा चेन्नई के अध्यक्ष उगमराज सांड, महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती पुष्पा हिरण, तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष विकास कोठारी, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष राकेश खटेड़, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष ललित आंचलिया, तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड साहूकारपेट के प्रबंध न्यासी विमल चिप्पड़, उपासक परिवार, माधावरम् की महिला शक्ति इत्यादि ने अपने वक्तव्य, गीतिका आदि के माध्यम से मुनिवृंद की स्वागत, अभ्यर्थना की। इस अवसर पर ट्रस्ट बोर्ड ने विशिष्ट दानदाताओं, अतिथियों का सम्मान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सुरेश रांका ने किया एवं आभार ज्ञापन ट्रस्ट बोर्ड के कोषाध्यक्ष गौतमचन्द समदडिया ने किया।
सहमंत्री
अणुव्रत समिति, चेन्नई