सूरत. बाबा श्याम के प्रति दीवानगी की कोई सीमा नहीं है तभी तो मुंबई से एक हजार तीन सौ पचास किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके श्यामभक्त खाटूधाम जाने को निकल पड़ा है। चंद्रप्रकाश ढांढ़ण नामक यह श्यामप्रेमी कुल 50 दिन में मुंबई से खाटूधाम की दूरी नापकर बाबा श्याम के दरबार में पहुंचेगा।
बाबा श्याम के दरबार में प्रत्येक मास की एकादशी के उपलक्ष में देश के कोने-कोने से हजारों श्यामभक्त रींगस से पैदल यात्रा करते हुए खाटूधाम पहुंचते है। कई भक्त ऐसे भी होते है जो कि दूरदराज से भी बाबा के दरबार में पैदल पहुंचकर एकादशी को दर्शन करते है।
ऐसा ही बाबा श्याम का एक भक्त देश की मायानगरी मुंबई से बाबा श्याम की खाटूनगरी के लिए वैशाख मास की तपती दुपहरी की परवाह नहीं करते हुए 25 अप्रेल को पैदल रवाना हुआ है।
श्रीश्याम दीवाने चंद्रप्रकाश ढांढ़ण की मानें तो वह प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर रहा है और 50 दिन बाद 13 जून निर्जला एकादशी को बाबा श्याम के दरबार में ढोक लगाएगा।
इस दौरान 12 जून को रींगस से पदयात्रा में उसके साथ सैकड़ों अन्य श्यामभक्त भी रींगस से खाटूधाम मार्ग में बाबा श्याम के जयकारे लगाते हुए पैदल चलेंगे।
अपनों के सपने हो पूरे
बुधवार रात भरुच से आगे करजण में विश्राम से पूर्व श्यामभक्त चंद्रप्रकाश ढांढ़ण ने पत्रिका संवाददाता को बताया कि निर्जला एकादशी पर बाबा के दरबार में पैदल जाने की श्यामप्रेमियों की प्रेरणा से वे 25 अप्रेल को मुंबई से बाबा श्याम व हनुमानजी महाराज की पीत पताका हाथ में थामकर पैदल निकले। अब बस मन में यहीं विश्वास है कि बाबा श्याम अपने सभी भक्तों के सपने पूरे करेंगे।
मार्ग में छह जगह कीर्तन
मुंबई से चलने के बाद भरुच से आगे तक की दूरी बुधवार तक श्यामभक्त चंद्रप्रकाश ढांढ़ण ने 14 दिन में तय कर ली है और इस दौरान मार्ग में छह स्थानों पर बाबा श्याम के कीर्तन आयोजित हो चुके है। इसमें वापी, वलसाड, चिखली, कीम, अंकलेश्वर व भरुच शहर शामिल है। आगे के मार्ग में वड़ोदरा, अहमदाबाद, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर आदि शहर आएंगे।
सब व्यवस्था अपने-आप
शेखावाटी अंचल के सीकर जिले में रामगढ़-शेखावाटी के ढांढ़ण सती गांव के चंद्रप्रकाश चार माह पहले ही कारोबार के सिलसिले में मुंबई पहुंचे है। मुंबई से खाटू यात्रा के दौरान मार्ग में आगे की समुचित व्यवस्था श्यामप्रेमियों के माध्यम से स्वत: हो रही है। 25-30 किमी अगले पड़ाव के श्यामभक्त स्वयं ही सम्पर्क कर जरूरी व्यवस्था कर देते है।