29 सितंबर ( खवासपुरा ) मनुष्ययोनी से ही इंसान संसार से मुक्ति पा सकता है ! प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज ने आयोजित धर्मसभा में श्रध्दालूओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि संसार एक रेन बसेरा और मनुष्य इसे स्थाई जानकर जीवन जी रहा न जाने कब मौत का बुलावा आ जाये और इस काया रूपी शरीर को छोड़कर जाना पड़ जाये।
उससे पहले व्यक्ति सभल जाये तो संसार सागर से अपनी इस आत्मा को चौरासी लाख योनियों के चक्कर से बाहर निकाल सकता है ! संसार से वही प्राणी आत्मा को बाहर निकाल पाएगा जो राग द्वेष मोह माया वस्तुओं का परित्याग करके परमार्थ करेगा ! नानेश मुनि,हितेश मुनि ने धर्मसभा मे कहा कि संसार मे सार भी है और असार भी वही व्यक्ति ले सकता है ! प्रभु की वाणी के प्रति अनुराग हो!
इसदौरान धर्मसभा मे बैगलोर,चैन्नाई,जौधपुर, बिलाड़ा,ब्यावर,मेड़ता आदि अनेक क्षेत्रों से गुरूदर्शनार्थ पधारे अतिर्थियो का दिपचन्द कोठारी,अमरचन्द सुराणा बी महावीर कोठारी,नथमल कोठारी आदि पदाधिकारियों ने सभी का आर्थित्य सत्कार करते हुये स्वागत किया ! धर्मसभा का संचाकल करते हुये हुकुम सिंह भाटी ने उपस्थित श्रध्दालूओ को महामंत्र नवकार जाप करवाया !
मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ खवासपुरा