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मां का दुबारा मिलना संभव नहीं: साध्वी सिद्धिसुधा

मां का दुबारा मिलना संभव नहीं: साध्वी सिद्धिसुधा

चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा संसार में सब कुछ दुबारा मिल सकता है परंतु मां नहीं मिल सकती। अगर भाई नही है तो वह मिल सकता है लेकिन मां का दुबारा मिलना संभव नहीं। मां जीवन देती है और महात्मा जीवन को सवारते हैं।

अगर माँ जीवन ही ना दें तो जीवन सवारा ही नहीं जा सकता। इसलिए माँ के उपकारों को समझें और उनको खुश रखना सीखें। आज उस मां की आंखों में

आंसू दिए जा रहे हैं। याद रहे मां को रुलाने वाले कभी खुश नहीं रह सकते। जीवन में आगे जाना है तो माँ को खुश रखना सीखें। साध्वी सुविधि ने कहा पर्यूषण पर्व में भाग्यशाली लोगों को ही शास्त्र का आराधना करने का मौका मिलता है।

भाग्यशाली और पुण्यशाली होने पर ही यहाँ पहुंचा जा सकता है। अगर कोई मौका मिलने पर भी कोई लाभ न ले सके तो समझो उसके पुण्य का उदय अब तक नहीं हुआ है। पर्यूषण में अन्तगड़ सूत्र

वाचन जारी है जिसके बारे में जानना जरूरी है। कृष्ण भगवान और गाडिश कुमार का इसमें उल्लेख है। गाडिश कुमार का अचानक मन बदला था तो उन्होंने राज पाट त्याग कर दीक्षा लेली थी और संयम के मार्ग पर बढ़ गए।

माता देवकी और कृष्ण ने उन्हें ऐसा करने से रोका पर वे नहीं रुके और संयम के मार्ग पर बढ़ गए। कृष्ण भगवान रोज चार सौ माताओं को नमस्कार करते थे, लेकिन वर्तमान में मनुष्य अपने ही माता पिता का

दिनभर में हाल चाल भी नहीं पूछते। आज्ञा का पालन करने वाले महान होते हैं। अगर आज्ञा का पालन नहीं किया तो पछताना पड़ेगा। जीते जी अगर माता पिता की कीमत नहीं समझे तो दुनिया से जाने के बाद कुछ भी करने का कोई मतलब नहीं होगा। किसी को अगर कुछ देना है तो समय रहते देदो। जैसा दोगे वैसा ही मिलेगा, इसलिए वही देना चाहिए जो खुद को पसंद हो।

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