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महावीर स्वामी के सिद्धांत हर समय रखते अप टू डेट : मुनि दीपकुमार

महावीर स्वामी के सिद्धांत हर समय रखते अप टू डेट : मुनि दीपकुमार

श्रमणवृंदों ने वर्तमान में वर्धमान के सिद्धांतों की बताई उपयोगिता

सामुहिक रूप से मनाया महावीर जन्मकल्याणक

 श्री जैन महासंघ के तत्वावधान में आयोजित हुआ भव्य कार्यक्रम

 श्री तमिलनाडु जैन महामंडल के साथ अनेकों सेवा भावी मंडलों का रहा सहयोग

Sagevaani.com/चेन्नई: जैन एकता का प्रतीक श्री जैन महासंघ, चेन्नई के तत्वावधान में 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2624वां जन्म कल्याणक महोत्सव चैत्र शुक्ला त्रयोदशी, बुधवार को भव्यातिभव्य पैमाने पर श्रमण भगवन्तों की निश्रा में चारों सम्प्रदायों के श्रावक- श्राविकाओं द्वारा उत्साह, उमंग से जैन दादावाड़ी, अयनावरम में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। जैन महासंघ अध्यक्ष श्री प्यारेलाल पितलीया ने मुनि भगवन्तों, अतिथियों, संभागी श्रावक समाज का स्वागत अभिनंदन करते हुए भगवान महावीर के विचारों को प्रस्तुत किया।

 ¤ _जैनत्व संस्कृति के अनुरूप हो जीवन शैली_

 धर्मपरिषद् को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री दीपकुमार ने कहा कि यह जीनशासन की प्रभावना का महत्वपूर्ण समय है। हमें हमारी जैनत्व संस्कृति के अनुरूप अपनी जीवन शैली को अपनाना चाहिए। खान-पान की शुद्धि का विशेष ध्यान देना चाहिए। विश्व भर में मात्र जैन आहार के नाम से ही विशेष आहार उपलब्ध होता है। जैनत्व की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन के साथ इसके गौरव को गौरवान्वित करने के लिए निजी स्तर के साथ समाज स्तर पर एकजुट बन प्रयास करें।

 विशेष पाथेय प्रदान करते हुए मुनिवर ने कहा कि महावीर के विचारों को व्यवहार में उतारना चाहिए। महावीर को दीवारो पर ही नहीं दिल में बैठाना चाहिए। स्वयं महावीर बनने की दिशा में गतिशील होना चाहिए।

 मुनिश्री ने आगे कहा कि महावीर स्वामी के सिद्धांत आउट ऑफ डेट नहीं, अपित हर समय अप टू डेट रखने वाले हैं। भगवान महावीर ने अपने ज्ञानपूंज से संसार को दिव्य प्रकाश की ज्योति दी। आपने लिंग, वर्ण इत्यादी भेदरेखा को मिटाया। महावीर के अहिंसा के सिद्धांत से लोकतंत्र, अपरिग्रह से समाजवाद और अनेकांत से धर्मवाद की स्थापना हुई। महावीर ने ‘जैसा कहो, वैसा करो’ कथनी करणी की एकरूपता का मूल मंत्र दिया।

¤ _जैनत्व के मान-सम्मान को बढ़ाएं आगे_

 मुनि डाॅ समकित म.सा. ने कहा कि पूर्वजो की पुण्याई से प्राप्त जैनत्व के मान-सम्मान को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। जीन शासन धन्य हो ऐसे सुश्रावक श्राविका बने। अपने नाम के साथ जैन लगाने की प्रेरणा पर जनमेदनी ने संकल्प स्वीकार किया।

¤ _परमात्मा की वाणी जगत कल्याणकारी_

 आचार्य युगोदयप्रभ सुरीश्वर म. सा. ने कहा कि परमात्मा की वाणी जगत कल्याणकारी हैं, जीवो को तारने वाली हैं। आपने तीन बिन्दुओं के साथ प्रेरणा दी- 1. स्वयं महावीरमय बने, उनके चारित्र को अपनाए। आया हुआ वायरस मोबाइल, कंप्यूटर में विसंगतियां ला सकता है, इसी तरह जीन शासन, साधु भगवन्तों के विरोधी व्यक्ति वायरस को प्रोत्साहन न दे, बढ़ावा न दे। 2. अपने जीवन को महावीर बनाए, खानपान शुद्ध रखें। 3. जगत को महावीरमय बनाने के लिए प्रभावक, संरक्षक बने।

अतिथि विशेष श्री कुलदीप जैन ने कहा कि विश्व के युद्ध रुपी विषाक्त वातावरण में महावीर के अहिंसात्मक, संयममय सिद्धांत समाज कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आपने प्रत्येक जैन परिवार के कम से कम एक सदस्य को राजनीति, सेना, वकील, प्रशासनिक अधिकारी इत्यादी के रूप में उपस्थित दर्ज करवानी चाहिए। जैसा हम खाते हैं, वैसा हमारा मन होता है इसीलिए मैंने अपने कार्य क्षेत्र सेना में भी शाकाहार का प्रयोग करवा रहा हूँ।

 मुख्य अतिथि श्री लादूलाल पितलीया एमएलए राजस्थान ने भगवान महावीर के अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत के सिद्धांतों को जीवन व्यवहार में उतारने का आह्वान किया।

  आदिनाथ जैन ट्रस्ट के मोहनलाल ने जैन समाज के परिवारों के लिए अल्प मूल्य में चिकित्सकीय सहायतार्थ योजना प्रस्तुत की। तेरापंथ सभा द्वारा हेल्थ चेकअप कैम्प लगाया गया।

¤ _सम्मान_

 जैन समाज के गौरव शिक्षार्थी शुभ चौधरी, श्री प्रमोद आंचलिया, श्री हरीश आच्छा, श्री रमेश मुथा, संकल श्री संघ नवकारसी लाभार्थी श्री महेन्द्र कुमार जैन, रथयात्रा लाभार्थी श्री कमलकुमार टोलिया, रात्रि भक्ति लाभार्थी फ्युचूरा ग्रुप, मेगा मेडिकल केम्प के लाभार्थी नाहर परिवार एवं अन्य लाभार्थी, अतिथिगणों का जैन महासंघ द्वारा शाल, माला, तिलक एवं मोमेंटो द्वारा सम्मान किया गया।

 इससे पूर्व प्रातः 6 बजे श्री जैन नवयुवक मंडल द्वारा कोण्डितोप में प्रभात फेरी निकाली गई एवं 6-30 बजे जिनालयों में जन्माभिषेक, स्नात्र महोत्सव, बड़ी पूजाऐं एवं भव्य अंगरचना हुई। सुबह 8.30 बजे नार्थ टाउन बिन्नी से भव्य रथयात्रा निकली। जिसमें विभिन्न झांकियां, विविध संगीत मंडलों द्वारा भक्ति गीत एवं अनेकों बेंन्ड बाजों के साथ ढोल नगाड़ों से शहर के अनेक राजमार्गों से गुजरती हुई शोभा यात्रा श्री जैन दादाबाड़ी, अयनावरम पहुंची। शोभायात्रा की व्यवस्था मंडल शिरोमणि श्री चन्द्रप्रभु जैन सेवा मंडल ने की। शोभायात्रा का अध्यक्ष श्री प्यारेलाल पितलीया, श्री प्रवीणकुमार टाटीया एवं गणमान्य व्यक्तित्वों द्वारा जैन ध्वज दिखाकर शुभारंभ किया गया। शुभारम्भ में महिलाओं द्वारा समूह सामायिक की गई।

  दादावाड़ी की सम्पूर्ण व्यवस्था में श्री तमिलनाडु जैन महामंडल एवं अनेकों सेवा भावी मंडलों का सहयोग रहा। महोत्सव के संयोजक श्री पन्नालालजी सिंघवी ने बताया कि दादाबाड़ी में टेन्ट, साजों सज्जा, अनेकों संस्थाओं द्वारा विभिन्न काउंटरों एवं श्री जैन सहायक समिति के सहयोग से 73 महिला गृह उधोग के काउंटर भी लगाएं गए। सेवा कार्य हेतु लगाए गए काउंटर लाभार्थियों का भी सम्मान किया गया।

 प्रशासनिक सेवा कार्य के लिए पार्षद श्री राजेशजी जैन (रंगीला) का अपूर्व सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। श्री जिनकुशलसूरीश्वर जिनचन्द्रसूरीश्वरजी ट्रस्ट द्वारा प्रतिवर्ष महोत्सव में पूरा परिसर उपलब्ध कराने हेतु आभार व्यक्त किया। रात्रि भक्ति की रमझट मुम्बई के प्रख्यात संगीत कलाकारों द्वारा की गई है। इस अवसर पर जैन प्रतिभावान विद्यार्थियों का भी सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन श्री मंत्री गौतमचन्द कांकरीया ने दिया। मंच का कुशल संचालन श्री बिपिन सतावत ने किया।

 समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

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