महाभारत संदेश कथा शुरू
चेन्नई. श्री माहेश्वरी सत्संग समिति द्वारा आयोजित महाभारत संदेश कथा की शनिवार को श्री माहेश्वरी भवन में विधिवत शुरुआत हुई। कथा के आरंभ प्रसंग पर कथा वाचक गोविन्ददेव गिरि ने ययाति कथा, शकुंतला-भरत उपाख्यान, भीष्म चरित्र, कृष्ण जन्म प्रसंग पर कथा का रसपान कराया।
उन्होंने बताया महाभारत के श्रवण से व्यक्ति विवेकशील एवं पुरुषार्थवान बनता है। वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विजय कौशल प्राप्त करता है।
उन्होंने कथा की शुरुआत मथुराष्टकम से की। कथा का मर्म बताते हुए कथा वाचक ने कहा कि कथा के श्रवण बिना जीवन संवारा नहीं जा सकता।
कथा से पारिवारिक एवं सांसारिक जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। भारतीय संस्कृति संसार में सर्वोपरि है। प्रत्येक कर्म धर्म के दायरे में रहकर पूर्ण करना चाहिए।
उन्होंने कहा श्री रामकथा व श्रीमद्भागवत कथा से महाभारत कथा श्रेष्ठ है। वह इसलिए कि जीवन का प्रत्येक पहलू इसी कथा पर आधारित है। संसार में अच्छाई एवं बुराई आज भी है। हमारे भीतर अच्छाई रूपी अर्जुन और बुराई रूपी दुर्योधन आज भी जीवित है। जब तक संसार है तब तक अच्छाई एवं बुराई रहेगी।
निकाली शोभायात्रा
कथा से पूर्व सुबह 9 बजे बालाजी मंदिर से शोभा यात्रा निकाली गई जो कथा स्थल श्री माहेश्वरी भवन गाजेबाजे के साथ पहुंची। कथा शुरू होने से पहल कथा आयोजन के सहयोगियों ने गोविन्ददेव गिरि से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री माहेश्वरी सत्संग समिति के अध्यक्ष ने बताया कि शनिवार को विविध प्रसंगों के वाचन के अलावा रुद्राभिषेक कार्यक्रम होगा।