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मंगल वीरता, शौर्य और साहस का प्रतीक है – युवाचार्य महेंद्र ऋषि

मंगल वीरता, शौर्य और साहस का प्रतीक है – युवाचार्य महेंद्र ऋषि

एएमकेएम में आठ वार की प्रवचन माला गतिमान

एएमकेएम जैन मेमोरियल सेंटर में चातुर्मासार्थ विराजित श्रमण संघीय युवाचार्य महेंद्र ऋषिजी ने आठ वार पर प्रवचन देते हुए कहा कि सप्ताह का अर्थ है सात दिन। वार का संदर्भ प्रहर से है। प्रत्येक वार का अपना महत्व है और उसके साथ जुड़े हुए नाम का भी महत्व है। अनुभव से ऐसी धारणाएं आती है। वह महापुरुषों के अनुभव से आती है। मंगलवार की चर्चा करें तो इसमें मंगल है। काॅस्मो के अनुसार मंगल ग्रह माना जाता है। पृथ्वी की परिधि में इसका अस्तित्व माना जाता है। मंगल ग्रह की सबसे बड़ी खासियत है कि यह वीरता, शौर्य और साहस का द्योतक है। वह जुझारू होता है। मंगलमयी प्रेरणा देने वाला है। हिम्मत देने वाला है। मंगल की अशुभ स्थिति से व्यक्ति का ग़ुस्सा, अहंकार बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा सिद्ध भगवंतों का रंग लाल है और लाल रंग मंगल से जुड़ा है। उसका संदेश है कि आज हमारे भीतर साहस है। लेकिन सबका अलग-अलग साहस होता है। हमारा साहस डिस्ट्रक्टिव या कंस्ट्रक्टिव दोनों प्रकार का हो सकता है। कंस्ट्रक्टिव के सुपरिणाम हम जानते हैं। जिसने भी हिम्मत की, उसे सफलता मिलती है। डिस्ट्रक्टिव के कारण वह पूरा वातावरण आतंकित बनाए रखता है।

 

उन्होंने कहा जो रचनात्मक शक्ति होती है, उसमें प्रकृति भी सहयोग करती है। जिसके अंदर साहस कमजोर होता है, उसका मंगल कमजोर होता है। अगर हिम्मत होगी तो सृष्टि की हर शक्ति आपके साथ रहेगी। हमारी हिम्मत होनी चाहिए। फ्रस्ट्रेशन, अवसाद जिसको आता है, उन्होंने गलत साहस किया है। साहस के साथ समझ और विवेक बहुत महत्वपूर्ण है। हमारा साहस, शक्ति का उपयोग कमजोर है तो वह जीवन को अधिक दुःखी बना देता है, अधिक कर्मबंध करा देता है। आज का समय बच्चों को भी समझाने का है, डांटने, पीटने का नहीं। साहस ही सफलता का सबसे बड़ा सूत्र है। यदि अच्छा करते हुए सफल नहीं है तो समझना आपका साहस कम है।

उन्होंने कहा यह मंगल का जीवन में जो स्थान है, वह आपको और आगे बढ़ाएगा। वह प्रसिद्धि तक ले जाएगा। मंगल को संस्कृत में अंगारक कहा गया है। अंगारक सुनकर लोग पहले ही डर जाते हैं। उन्होंने कहा चुनौतियां ही व्यक्ति को मजबूत बनाती है। यह मंगल मन को उच्च बनाने वाला है। सकारात्मक शक्ति का संचार करने वाला है। बढ़ो, आगे बढ़ो। किसी नकारात्मक चीज से रुक जाएंगे तो आगे बढ़ नहीं पाएंगे। आयंबिल तप भी मंगलवार के लिए सहायक होता है। यह हमारे समग्र जीवन में क्रांति ला सकता है। साहस के साथ धर्ममय जीवन में आगे बढ़ें। यह मंगलवार हमारे लिए लाभदायी सिद्ध होगा। मुनिश्री हितेंद्र ऋषिजी ने बताया कि बुधवार को ज्ञान पंचमी की आराधना होगी।‌ कमलचंद छल्लाणी ने सभा का संचालन किया।

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