चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट जैन स्थानक में विराजित साध्वीवृंद साक्षीज्योति व पूजाज्योति के सान्निध्य एवं श्री संघ के तत्वावधान में तपस्वी सम्मान समारोह का आयोजन हुआ जिसमें तपस्वियों का अभिनंदन किया गया।
इस मौके पर साध्वी साक्षीज्योति ने कहा मंगलकामना के दाता बनें। पर्यूषण मंगल भावनाओं के आदान-प्रदान का पर्व है। हमारा मन व वाणी में मंगल भाव हों। भगवान पाश्र्वनाथ ने भी एक बार लकडिय़ों के अंदर जलते नाग-नागिन के जोड़े को मंगलकामना दी जिसके बाद वे उनके भक्त बन गए। दुआओं में कितना सामथ्र्य होता है कि हम किसी भी हमेशा के लिए अपना बना सकते हैं।
जिसे मंगलकामना देंगे वह तलाशते हुए आप तक जरूर जाएगा। साध्वी ने कहा नफरता का बिजनेस तो अनादिकाल से होता आया है। इस नफरत में हमने एमबीए व पीएचडी कर रखी है। यदि दिल के दरवाजे पर एक के लिए नो एंट्री लगाकर रखा हुआ है तो कितनी भी तपस्या कर लें, कितनी भी कठोर क्रिया पाल लें, दूसरे के प्रति दुर्भावना है तो जीवन का कल्याण नहीं होगा।
इस मौके पर भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक मनाया गया जिसमें बच्चों ने उनके जीवन पर आधारित नाटिका प्रस्तुत की। मंच संचालन संजय दुगड़ ने किया।
संघ के अध्यक्ष ज्ञानचंद संचेती ने बताया कि इस मौके पर नवकार महामंत्र का लाभ कलश मुकेश-रितेश विनायकिया ने लिया। मंगलवार को संवत्सरी पर्व तप-त्याग के साथ मनाया जाएगा।