श्रीजी वाटिका में दस दिवसीय नवरात्र भक्ति महोत्सव 29 से
बाफना परिवार के सौजन्य से हुआ भव्य भक्तिभरा आयोजन
इंदौर। भारत के कण-कण में अध्यात्म है, नाचना ही है तो आध्यात्म पर नाचो। नशा करना ही है तो भक्ति और आध्यात्म का नशा करो। मन को भक्ति में ऐसा रमाओ कि किसी भी तरह के तनाव की गुंजाइश ही न रहे। यह कहा कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति श्री पार्श्व पद्मावती के परम उपासक, मंत्र शिरोमणि, राष्ट्रसंत, डॉ वसंतविजयजी म.सा. ने।
वे यहां रविवार को रामकृष्ण बाग में आधि-व्याधि, दुःख पीड़ा मिटाने और सुख समृद्धि प्रदान करने दिव्य महामांगलिक अवसर पर अपना उद्बोधन दे रहे थे। स्वर्गीय श्री बाबूलालजी (दासाब) की स्मृति में शांति लाल महेंद्र कुमार कमल कुमार भूपेंद्र कुमार मनीष जितेंद्र नित्य दर्श एवं हृदय परिवार के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के विभिन्न उपनगरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
मन को लक्ष्य में रमाने की सीख देते हुए वसंतविजयजी ने कहा कि हर व्यक्ति का भला करने की सोचनी चाहिए, तरक्की आएगी ही। उन्होंने कहा आपकी नजर में तरक्की के मायने भी बदल जाएंगे। संतश्री ने आगामी दिनों में नवरात्र अवसर पर डांडिया संस्कृति को धर्म के नाम पर पाप बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के इतिहास में इस बार पहली बार इंदौर में मां पद्मावती की 10 दिनों तक दिव्य भक्ति आराधना श्रीजी वाटिका में 29 सितंबर से होगी।
जिसमें देश-विदेश के ख्यातनाम कलाकार भक्ति आराधना कराएंगे। उन्होंने कहा कि गुरु अथवा संतो के दरबार में सदैव प्रसन्न एवं मुस्कुराते रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को सांसारिक दुनिया में कभी नहीं रोना पड़ेगा। इस अवसर पर ॐकार के सामूहिक जाप एवं विभिन्न ध्यान व हस्तमुद्राओं के साथ उन्होंने भक्ति कराई।
अनेक संगीतमय भजनों के माध्यम से भी संतश्री ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर किया। कार्यक्रम में सभी का स्वागत अभय पगारिया ने किया। पगारिया ने बताया कि सांसद शंकर लालवानी, पदमश्री अभय छजलानी, भाजपा नेता गोलू शुक्ला, यशवंत जैन, शेखर गेलड़ा व शांतिप्रिय दोषी सहित अनेक गणमान्य जनों ने बतौर अतिथि शिरकत की व दिव्य महामांगलिक श्रवण का लाभ लिया।
सभी का आभार जितेंद्र बाफना ने जताया। कार्यक्रम का संचालन कमल करणपुरिया ने किया। आयोजन का सीधा प्रसारण पारस चैनल पर किया गया।