पुरुषवाक्कम स्थित एएमकेएम में विराजित उपाध्याय प्रवर प्रवीणऋषि ने रक्षाबंधन पर कहा यदि जीवन में भाई-बहन का रिश्ता जिन्दा हो गया तो संसार के सारे दुष्कर्मी सदाचारी हो जाएंगे। यही हमारी परंपराएं हैं, हमारी भारतीय संस्कृति और धर्म कहता है। आज समाज को चाहिए कि बेटे और बेटियों दोनों को बोलचाल में किसी को नाम से बुलाने के बजाय रिश्तों का संबोधन करने की सीख दें, उन्हें रिश्तों की अहमियत और सदाचार का पाठ पढ़ाएं और मनुष्य को बिगाडऩे वाली संस्कृति को तिलांजलि दें।

हमारी संस्कृति में रिश्तों से समाज का हर व्यक्ति बंधा हुआ है। रिश्ते हमें बांधते भी हैं और मुक्त भी कराते हैं। रक्षा और निस्वार्थता का रिश्ता मुक्त कराता है और स्वार्थ का रिश्ता बंधनों में बांधता है।
सच्चे अर्थों में रक्षाबंधन सुरक्षा और रक्षा का रिश्ता है। किससे रक्षा होनी चाहिए। पाप-दु:ख से, फल-विष, कारण और परिणाम से बचना चाहिए। हम दुनिया वालों के पास अपने दु:ख दूर करने के लिए जाते है, लेकिन हम दु:खों की जड़ को मिटाने वाले परमात्मा प्रभु की शरण में नहीं जाते। दुनिया में जैन धर्म ही है जो पापों को मिटाता है। पाप मिटेंगे तो दु:ख आएंगे ही नहीं।
परमात्मा एक ऐसे वकील के समान है जो केस को लम्बा चलाते नहीं बल्कि झगड़ों को मिटाते हैं। जितना जिनशासन को समझोगे परमात्मा को समर्पित हो जाओगे। परमात्मा चाहते हैं कि कोई भी जीव इस जगत में दु:खी न हो। भाई और बहन शब्दों का संबोधन ही ऐसा है जिसमें मनुष्य के आंतरिक वासना शान्त हो जाती है। आज बहनें कामना करें कि भाई के मन में वासनाओं का जन्म न हो और भाई बहनों को वचन दे दुष्टों से रक्षा का।

मनाया सामूहिक रक्षाबंधन
एएमकेएम महिला मंडल के तत्वावधान में सामूहिक रक्षाबंधन मनाया गया। साथ ही एक प्रतियोगिता भी हुई और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इसमें बेस्ट थाली सजावट में शकुन्तला भंडारी, वृद्धि पीपाड़ा, बेस्ट राखी- नितिशा जैन, तरुणा बुरड, बेस्ट ड्रेस दीया, धीरीत, निकिता बोकडिया, बेस्ट मेहंदी- तमन्ना जैन, कमलाबाई और बेस्ट जोड़ी ड्रेस- जकश जैन, दिलीप नेहरा, लता कोठारी विजेता रही। कार्यक्रम में चातुर्मास समिति द्वारा तपस्वी आशा पुंगलिया का सम्मान किया गया।