Share This Post

ज्ञान वाणी

भलाई के कार्य से ही जीवन में आयगा बदलाव

भलाई के कार्य से ही जीवन में आयगा बदलाव

चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा कि परमात्मा के प्रति दिल से भक्ति होने पर ही मीरा ने जहर पीकर भी पचा लिया था। सचमुच में दिल की भक्ति मनुष्य को आगे बढ़ाने वाली होती है। दिखावा में की हुई भक्ति लोगों को जहां का तहां ही खड़ा कर देती है। यदि जीवन में आगे जाना चाहते हैं तो दिल से भक्ति करें।

उन्होंने कहा मनुष्य को जितना हो सके भलाई के कार्य करने चाहिए। अगर भलाई नहीं कर पाए तो बुरा किसी के साथ कभी नहीं करना चाहिए। जीवन को सफल बनाने के लिए हमेशा अच्छा करने का ही विचार रखना चाहिए। जितना संभव हो सके मनुष्य को अच्छा, भलाई और उपकार का कार्य ही करना चाहिए। लेकिन कभी भी किसी का बुरा अहित नहीं करना चाहिए।

उन्होंंने कहा कि यदि हम किसी का बुरा करते हैं तो उसका बुरा नहीं होगा लेकिन अपना बुरा हो जाएगा। इसलिए सभी के प्रति अच्छा करने का भाव रखना चाहिए। ऐसा करने पर ही व्यक्ति के जीवन में धर्म फलीभूत होता है। जब तक यह गुण जीवन में नहीं आएगा तब तक हम धार्मिक नहीं बन सकते हैं।

सागरमुनि ने कहा कि सुख और दुख मनुष्य को उसके विचारों से मिलता है। यह जानकर प्रत्येक व्यक्ति को प्राणीमात्र के साथ मित्रता का भाव अपने दिल में रखना चाहिए। तभी मनुष्य जीवन के अंदर शांति आनंद और सुख को प्राप्त कर पाएगा। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष आनंदमल छल्लाणी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar