चन्नई. तेरापंथ भवन ट्रस्ट तंडियारपेट के तत्वावधान में मुनि ज्ञानेंद्र कुमार का उत्तराद्र्ध चार्तुमास उत्साहपूर्वक आध्यात्मिक प्रवृतियों के साथ गतिमान है। प्रतिदिन भक्तामर पाठ, प्रवचन, दोपहर धर्म चर्चा, शांतिकालीन ध्यान का क्लास चल रहा है।
प्रात: कालीन संबोधि ग्रंथ पर विशेष प्रवचन करते हुए मुनि ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि भगवान महावीर उच्च कोटि के जीवन प्रबंधन गुरु थे। आज से 2500 वर्ष पूर्व उनकी बताई बातों को आज के प्रबंधन गुरु लाखों रुपए लेकर बता रहे हंै।
भगवान महावीर ने न केवल जीवन जीने की कला सिखाई अपितु मृत्यु को महोत्सव बनाने की भी कला सिखाई। भगवान ने पल-पल समय का सदुपयोग करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि सुबह उठते ही संकल्प करें कि आज मुझे क्या करना है और क्या नहीं?
स्वयं को स्वयं की नजरों से देखते रहो और मूल्यांकन करें। दुनिया क्या कर रही है क्या सोच रही है उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। इस अवसर पर मुनि विनित, मुनि विमलेश, प्रमुख ट्रस्टी इंदरचंद डूंगरवाल, सभाध्यक्ष विमल चिप्पड़ और अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।