ओडुवनकुप्पम पहुंचने पर आचार्य का भव्य स्वागत
तिरुवण्णामलै. जिले के ओडुवनकुप्पम स्थित पलनीवेलू आईटीआई कॉलेज परिसर पहुुंचने पर विद्यार्थियों एवं कॉलेज प्रबंधन द्वारा आचार्य महाश्रमण का भव्य स्वागत एवं अगवानी की गई। यहां आचार्य ने श्रद्धालुओं को भक्ति की शक्ति के बारे में बताया कि भक्ति एक ऐसा तत्व होती है जिसमें बहुत शक्ति होती है।
आदमी की भक्ति वीतराग देव व गुरु के प्रति हो तो मनुष्य का कल्याण हो सकता है। भक्ति और शक्ति संसार में होती है। अर्हतों की भक्ति हो, अपनी श्रद्धा के साथ उनके भक्त बनना कर्म निर्जरा का साधन हो सकता है। सिद्ध, गुरु, सिद्धांत, धर्म के प्रति भक्ति रखने का प्रयास करना चाहिए। आदमी को अपने संघ के प्रति भक्ति रखने का प्रयास करना चाहिए।
भक्ति में अहंकार नहीं होता अथवा जहां भक्ति होती है वहां अहंकार नहीं हो सकता। समर्पण में शर्त नहीं होती इसलिए आदमी का जिसके प्रति पूर्ण समर्पण हो जाए, भक्ति हो जाए तो उसका कल्याण हो सकता है। अर्हतों और गुरुओं के प्रति पूर्ण भक्ति और समर्पण हो आदमी कल्याण की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
प्रवचन के बाद गौतम कुमार सेठिया वीडीएस ने विचार व्यक्त किए व वेटवलम के संचेती परिवार के सदस्यों ने गीतिका प्रस्तुत की।