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ज्ञान वाणी

बहुत कठिनाई के बाद मिलता है मनुष्य भव : गौतममुनि

बहुत कठिनाई के बाद मिलता है मनुष्य भव : गौतममुनि
चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा मनुष्य पर परमात्मा का ऐसा रंग लगना चाहिए कि जीवन भर धुलने पर भी न छूटे।

देवता देवलोक में रहकर भी मनुष्य भव को प्राप्त करने की अभिलाषा रखते हैं।

जबकि मावन को उसके मनुष्य होने का मूल्य ही पता नहीं है। परमात्मा के पास सब कुछ है लेकिन फिर भी वे मनुष्य भव में आकर गुरुओंं के चरणों में रहना चाहते हैं।

परमात्मा की अभिलाषा से पता चलता है कि मनुष्य का जीवन पाना कितना कठिन है। बहुत तपस्या के बाद मिले इस जीवन का उपयोग कर लेना चाहिए।

मनुष्य जीवन बहुत ही उत्तम होता है। धन और दौलत भी इसकी तुलना में कुछ नहीं है। देवाताओं के पास सब कुछ है पर वे मनुष्य जीवन पाना चाहते हैं।

मनुष्य को यह भव मिला है पर वे अपनी खुशी के लिए गलत कार्य करने में मस्त है। याद रहे

भलाई का कार्य करने वाला व्यक्ति ही अपने जीवन को सफल कर पाएगा।

उपकार जीवन का सबसे कठिन कार्य है पर यह सबसे अलग होता है। जीवन को सफल बनाना है तो गुरुदेवों के चरणों में आएं।

सागरमुनि ने कहा सूर्य सबको एक समान

रोशनी देता है। प्रकृति किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। परमात्मा ने भी बिना किसी भेदभाव के सबके लिए एक समान कल्याण के मार्ग गठित किए हैं।

ऐसा ही मनुष्य को भी बिना भेदभाव के करना चाहिए। आत्मा का कल्याण करना है तो धर्म के रास्ते पर चलना बहुत ही जरूरी है।

मनुष्य द्वारा किया हुआ धर्म ही उसके काम आएगा, उसके अलावा कुछ भी उसके साथ नहीं होगा। इसलिए मनुष्य को धर्म का कार्य कर आत्मा को हल्का करना चाहिए।

इस मौके पर संघ के कोषाध्यक्ष गौतमचंद दुगड़ सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। मंत्री मंगलचंद खारीवाल ने संचालन किया।

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