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बच्चों में संस्कार डालें, सर्वोत्तम बनाएं : डॉ. वसंतविजयजी म.सा

बच्चों में संस्कार डालें, सर्वोत्तम बनाएं : डॉ. वसंतविजयजी म.सा

इंदौर। हृींकारगिरी तीर्थ धाम में प्रतिष्ठापित मूलनायक परमात्मा पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा का 50 दिवसीय 18 अभिषेक शुक्रवार को भी जारी रहा। 18 अभिषेक विधान के लाभार्थी कोठारी परिवार रहा। कृष्णगिरी श्री पार्श्व पद्मावती शक्ति पीठाधिपति, यतिवर्य, राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजय जी की पावन निश्रा में विधिकारक हेमंत वेदमूथा मकशी इस धार्मिक आयोजन को संगीतमय प्रस्तुतियों के साथ भक्ति भाव से पूर्ण करा रहे हैं।

श्री नगीनभाई कोठारी चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी विजय कोठारी ने बताया कि प्रतिदिन सुबह के सत्र में संतश्री वज्रतिलकजी की निश्रा में प्रतिक्रमण व भक्तामर मंत्र जाप किया जा रहा है जो शुक्रवार को भी जारी रहा।

चातुर्मास कार्यक्रम से जुड़े वीरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि हृींकारगिरी तीर्थ धाम में चातुर्मास कर रहे राष्ट्रसंत यतिवर्य डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने प्रवचन में कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वे बचपन से ही बच्चों में संस्कार डालें और उसे सर्वगुण सम्पन्न की तरह सर्वोत्तम बनाते हुए उसके आने वाले भविष्य का मार्ग तय करें।

यदि संस्कार डालने की यह प्रवृत्ति बचपन में ही माता-पिता अपने बच्चों को डाल देंगे तो निश्चित ही वह ‘कोहिनूर’ बनेगा। इसके अलावा जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए बच्चे के साथ-साथ घर को संस्कारों का स्थान बनाएं। भारतीय संस्कारों को अपने में शामिल करते हुए अपने समान बच्चों को बनाएं और आने वाली पीढ़ी को सुधारें।

उन्होंने कहा कि बच्चों को सिखाएं कि वे बुराई से दूरी बनाते हुए अच्छाई से जुड़ें तभी आपके द्वारा दिए संस्कार उसे बेहतर जीवन का मार्ग प्रशस्त करेंगे। ट्रस्टी जय कोठारी ने बताया कि डॉ. वसंतविजयजी म.सा. से राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश के अनेक शहरों से बड़ी संख्या में भक्त मांगलिक-आशीर्वाद लेने पहुंचे।

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