चिद बरम. महावीर जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा मनुष्य को कोई भी कार्य पूरी रुचि के साथ करने का संकल्प लेना चाहिए। ऐसा करने पर हर काम में सफलता मिलती चली जाएगी।
कोई भी कार्य अगर बिना मन के किया जाता है तो उसमें असफलता मिलती है और लोग काम को दोष देते हैं लेकिन वही कार्य अगर पूरी निष्ठा और रुचि से किया जाए तो सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने कहा जिस प्रकार बिना मन के परमात्मा की भक्ति सफल नहीं होती, उसी प्रकार बिना मन के कार्य भी सफल नहीं होते परमात्मा की भक्ति अगर सच्चे मन से की जाए तो मनुष्य भी परमात्मा बन सकता है। सौभाग्यशाली लोगों को ही यह मानव जीवन प्राप्त होता है। परमात्मा की भक्ति में खुद को निष्ठा के साथ जोडऩे का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा धर्म लाभ से बढ़ कर दुनिया में और कोई लाभ नहीं होता। जितना मनुष्य के अंदर धर्म बढ़ेगा उतना ही भौतिक सुविधाएं भी बढ़ती चली जाएंगी। उन्होंने कहा जिस प्रकार किसान अनाज बोता है खाने के लिए तो उसके साथ उसे चारा और बीज सहित अन्य वस्तुएं भी मिल जाती हैं।
ठीक उसी प्रकार मनुष्य अगर धर्म करता है तो उसके साथ बहुत कुछ हासिल होने लगता है। मनुष्य द्वारा किए गए पुण्य के कार्यो से ही उसके लिए भौतिक सुविधाओं का विकास होता है।