चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट जैन स्थानक में विराजित साध्वी साक्षीज्योति ने पर्यूषण पर्व के पहले दिन कहा कि पर्यूषण पर्व की महिमा अपरंपार है। जो लोग आमतौर पर नवकारशी तक नहीं कर पाते वो इन दिनों आराम से अट्ठाई तक कर जाते हैं। जो साल भर में कभी स्थानक नहीं आ पाते उनका भी मन हो जाता है।
जो सामयिक या प्रतिक्रमण नहीं करते उनका भी मन हो जाता है कि चलो सामयिक व प्रतिक्रमण करें। ये महत्व इन दिनों का है। क्षमा के भावों में प्रेम के भावों में डुबकी लगाने के ये दिन है।
आत्मा के समीप आने का ये पर्व है तो ज्यादा से ज्यादा इन आठ दिनों में अपनी आत्मा के साथ रहने का प्रयास करें। बहुत जिए क्रोध के अंदर अब शांति के साथ जीने का प्रयास करें। लोभ के साथ बहुत जीए अब संतुष्टि के साथ जीने का सोचें। तभी पर्व पर्यूषण सफल होगा। संचालन संजय दुग्गड़ ने किया।