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ज्ञान वाणी

पर्यूषण गृहस्थ साधना के क्षेत्र में सभी को आगे बढऩा: साध्वी धर्मलता

पर्यूषण गृहस्थ साधना के क्षेत्र में सभी को आगे बढऩा: साध्वी धर्मलता

एसएस जैन संघ ताम्बरम में विराजित साध्वी धर्मलता ने कहा कि पर्वाधिराज पर्यूषण हमें संदेश दे रहे है कि संत हो या गृहस्थ  साधना के क्षेत्र में सभी को आगे बढऩा है। यह पर्व राग से विराग और विराग से वीतराग का संदेश लेकर हमारे द्वार आया है।

हमें आध्यात्मिक भाव से इसका स्वागत करना है। संस्कार में संस्करण करने वाली ,चार संज्ञा और चार कषायों को काटने वाली दान, शील, तप भाव की अराधना करना है। पानी से शरीर पवित्र होता है परन्तु कल्याण मार्ग के सोपान पर चढऩा है तो मोक्ष रूपी झरने में स्नान कर पवित्र बनना होगा। यह पर्व आत्मा की भाव दरिद्रता को दूर करता है।

जैसे दिवाली पर धन का हिसाब लगाते हंै वैसे ही आत्म धन का हिसाब लगाना है कि कितना कमाया। पर्व के संदेश को ग्रहण कर आत्मा से परमात्म स्वरूप प्राप्त करें। उन्होंने ने कहा कि तुम क्लेश हो ऐसा मत बोलो, रोग हो ऐसा मत खाओ, कर्ज हो ऐसा मत खर्चो, पाप हो ऐसा काम मत करो। तन की सफाई की । अब मन की सफाई का वक्त है। हमारी साधना का लक्ष्य हो कषाय की मंदता, सरलता,दुव्र्यसनों के रहित बने। इस अवसर पर सुप्रतिभा ने अंतगढ़ सूत्र का वाचन किया।

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