चेन्नई. जिन बच्चों के परीक्षा में नंबर कम आते हैं, उनको रोजाना णमो णाणस्स की आराधना करनी चाहिए। इसकी आराधना करने से ज्ञानावरणीय अशुभ कर्म का क्षय होकर शुभ कर्म का उदय होता है।
अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में दैनिक प्रवचन में साध्वी कुमुदलता ने कहा णमो णाणस्स की आराधना करने वाला व्य्क्ति ज्ञान आराधना में सदैव आगे रहता है।
गौतम मुनि की जयंती पर प्रकाश डालते हुए कहा महाराष्ट्र के जालना में उनका जन्म हुआ। आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु में विहार करते हुए धर्म ध्यान की गंगा प्रवाहित की। आध्यात्म योगी, तत्व ज्ञान के सरल व्याख्याता, सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति, आडम्बरों से मुक्त थे।
उनका जीवन खुली किताब की तरह था। उनकी प्रेरणा से कई जनोपयोगी कार्य संपादित किए गए। जैन स्थानक, गोशालाएं, स्कूल, चिकित्सालय, पुस्तकालय उनकी प्रेरणा से चल रहे हैं। उनकी प्रेरणा से कई लोगों ने व्यसन मुक्त जीवन अपनाया है।
साध्वी पद्मकीर्ति ने श्रीपाल मैनासुन्दरी का वाचन किया। गुरु दिवाकर कमला वर्षावास समिति के तत्वावधान में रोजाना लक्की ड्रॉ भी निकाला जा रहा है।