चेन्नई. गौतममुनि ने कहा भाव पूर्वक परमात्मा की वाणी सुनने वाला ही जीवन में आगे बढ़ पाता है। साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक ने कहा जग की माया पूरी तरह से झूठी है फिर भी जीव इससे मोह करता है व इसमें फंसकर पाप किए जा रहा है।
जीवन को सुधारने के लिए पाप का निवारण करना होगा। जो भाग्यशाली आत्मा अपने जीवन में पुण्य का खजाना लेकर आता है, उसे सद्गुरु के सानिध्य में आकर परमात्मा की वाणी सुनने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा मानव अपने कान को सजाने की लाख कोशिश कर ले, लेकिन कान की शोभा ज्ञान की बातें सुनने से ही होती है। ज्ञानपूर्ण बातें सुनने से ही जीवन में सुधार का मार्ग मिलता है क्योंकि ज्ञान ही जीवन को नई दिशा देता है। ज्ञान की बातें सुनने वाला जीवन पवित्र कर लेता है। बिना ज्ञान के मनुष्य लाख शोभायमान कर ले लेकिन सब बेकार है।
सागरमुनि ने कहा जहां धर्म है वहां सुख है इसलिए मनुष्य को आगे बढऩे से पहले मार्ग के बारे में जान लेना चाहिए। देवलोक में रहने वाले परमात्मा भी चारित्रवान मनुष्य को पूजते हैं, क्योंकि चारित्र का जीवन में बहुत महत्व होता है। लोग प्रवचन सुनकर उसे भूल जाते हंै। प्रवचन सुनकर उसे जीवन में उतारनने से ही जीवन में प्रकाश का उदय हो पाएगा। मंत्री मंगलचंद खारीवाल ने संचालन किया।